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    बिहार चुनाव 2025: "कभी कांग्रेस का गढ़, अब 15 वर्षों से BJP का दुर्ग – सीतामढ़ी बथनाहा की सियासी कहानी"

    बिहार चुनाव 2025: "कभी कांग्रेस का गढ़, अब 15 वर्षों से BJP का दुर्ग – सीतामढ़ी बथनाहा की सियासी कहानी"


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 18 सितंबर 2025,  07 :45 AM IST

    रिपोर्ट :-दीपक कुमार 


    सार 

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सीतामढ़ी जिले की बथनाहा (एससी) सीट पर 1967 से चुनाव हो रहे हैं। शुरू में कांग्रेस का दबदबा रहा, फिर जनता दल, राजद और लोजपा ने जीत दर्ज की। 2010 से यह सीट भाजपा का गढ़ बनी है, जब इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया। 2020 में भाजपा के अनिल कुमार ने 46,818 वोटों से जीत हासिल की। एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे की हलचल के बीच यह सीट फिर चर्चा में है। बाढ़, रोजगार और प्रवासन इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे हैं।




    विस्तृत समाचार


    सीतामढ़ी :- बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है, और सियासी माहौल गर्म है। एनडीए (भाजपा, जदयू, लोजपा, हम, रालोमो) और महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वामदल) के नेता पूरी ताकत से जनता तक पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेता विकास कार्यों और वादों के साथ मैदान में हैं। इस बीच, सीट बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों में खींचतान जारी है। आज हम सीतामढ़ी जिले की बथनाहा विधानसभा सीट पर चर्चा करेंगे, जो एनडीए का मजबूत गढ़ रही है।



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    बथनाहा सीट का परिचय

    सीतामढ़ी जिला बिहार के 38 जिलों में से एक है, जिसमें आठ विधानसभा सीटें हैं: रीगा, बथनाहा (एससी), परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर और बेलसंड। बथनाहा सीट सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें छह विधानसभा सीटें शामिल हैं। 1967 से इस सीट पर चुनाव हो रहे हैं, और 2010 में इसे अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित कर दिया गया। यह ग्रामीण क्षेत्र है, जहां धान, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं। बागमती और लखनऊई नदियों से बाढ़ और प्रवासन इस क्षेत्र के बड़े मुद्दे हैं। 2020 में यहां 3,07,230 मतदाता थे, जिनमें से 55.70% ने मतदान किया।


    चुनावी इतिहास

    1967 में बथनाहा सीट पर पहला चुनाव हुआ। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के एमपी शर्मा ने कांग्रेस की जी. देवी को 14,199 वोटों से हराया। एमपी शर्मा को 32,505 और जी. देवी को 18,306 वोट मिले।


    1969-1985: कांग्रेस का दबदबा

    1969: कांग्रेस के राम बहादुर सिंह ने संसोपा के मोहन लाल शर्मा को 5,912 वोटों से हराया।

    1972: कांग्रेस के विभाजन के बाद कांग्रेस ऑर्गेनाइजेशन के पतुरी सिंह ने निर्दलीय मोहन लाल शर्मा को 11,051 वोटों से हराया।

    1977: कांग्रेस के सूर्यदेव राय ने जनता पार्टी के ललितेश्वर प्रसाद सिंह को 3,560 वोटों से हराया।

    1980: कांग्रेस (यू) के सूर्यदेव राय ने कांग्रेस (आई) के कैप्टन रामनिवास को 4,728 वोटों से हराया।

    1985: कांग्रेस के रामनिवास ने कांग्रेस (सोशलिस्ट) के सूर्यदेव राय को 17,580 वोटों से हराया। यह कांग्रेस की आखिरी जीत थी।


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    1990-2000: सूर्यदेव राय का दौर

    सूर्यदेव राय ने पार्टी बदलकर जीत का सिलसिला जारी रखा:

    1990: जनता दल के टिकट पर सूर्यदेव राय ने निर्दलीय राजेंद्र सिंह को 42,432 वोटों से हराया।

    1995: जनता दल के सूर्यदेव राय ने समता पार्टी के इंदल सिंह नवीन को 22,833 वोटों से हराया।


    2000: राजद के टिकट पर सूर्यदेव राय ने समता पार्टी के राज किशोर सिंह कुशवाहा को 14,603 वोटों से हराकर हैट्रिक बनाई।


    2005: लोजपा की जीत

    2005 में दो बार चुनाव हुए। दोनों में लोजपा की नगीना देवी जीतीं:

    फरवरी 2005: नगीना देवी ने राजद के सूर्यदेव राय को 4,419 वोटों से हराया।

    अक्टूबर 2005: नगीना देवी ने फिर सूर्यदेव राय को 9,438 वोटों से हराया।


    2010 से भाजपा का कब्जा

    2010: सीट के एससी आरक्षित होने के बाद भाजपा के दिनकर राम ने लोजपा की ललिता देवी को हराया।

    2015: दिनकर राम ने कांग्रेस के सुरेंद्र राम को 20,166 वोटों से हराया।

    2020: दिनकर राम के निधन के बाद भाजपा के अनिल कुमार ने कांग्रेस के संजय राम को 46,818 वोटों से हराया। अनिल कुमार को 92,648 वोट मिले।

    नोट: प्रदान की गई जानकारी में 2020 के विजेता के रूप में मोती लाल प्रसाद का उल्लेख गलत है। सही विजेता अनिल कुमार हैं।


    वर्तमान समीकरण और मुद्दे

    बथनाहा में एससी मतदाताओं की बड़ी संख्या है, जो हाल के चुनावों में एनडीए के पक्ष में रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी से जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर ने 51,356 वोटों से जीत दर्ज की, जो इस सीट पर एनडीए की मजबूती दर्शाता है। बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, प्रवासन और बुनियादी ढांचा इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे हैं। 2025 में भाजपा अनिल कुमार को फिर उतार सकती है, जबकि महागठबंधन से राजद या कांग्रेस उम्मीदवार दे सकता है। सीट बंटवारे पर चल रही बातचीत इस सीट के लिए महत्वपूर्ण होगी।


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    बथनाहा विधानसभा सीट बिहार चुनाव 2025 में एनडीए के लिए मजबूत किला है, लेकिन महागठबंधन की कोशिश इसे वापस छीनने की होगी। कांग्रेस, जनता दल, लोजपा से लेकर भाजपा तक का इस सीट का इतिहास दर्शाता है कि यह सियासी बदलावों का गवाह रहा है। बाढ़ और प्रवasan जैसे मुद्दों पर जनता का भरोसा जीतने वाला दल इस बार जीत सकता है।


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