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    उत्तराखंड में फिर तबाही! चमोली में बादल फटा, 5 लोग लापता; बचाव अभियान जारी


    उत्तराखंड में फिर तबाही! चमोली में बादल फटा, 5 लोग लापता; बचाव अभियान जारी




    सार :- चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने से फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांवों में भारी तबाही मची। मलबे के कारण फाली में छह भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, सात लोग मलबे में दब गए, जिनमें से दो को बचा लिया गया, जबकि पांच लोग अभी भी लापता हैं। धुर्मा में पांच भवनों को नुकसान हुआ, लेकिन जनहानि नहीं हुई। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, मेडिकल टीमें और 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी हैं। मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है।


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 18 सितंबर 2025,  04 :55 AM IST

    रिपोर्ट  उर्विदत गैरोला 

    विस्तृत समाचार

    चमोली, उत्तराखंड: उत्तराखंड के चमोली जिले में मानसून की विदाई के साथ एक बार फिर प्रकृति ने कहर बरपाया है। बुधवार, 17 सितंबर 2025 की रात को नंदानगर तहसील के फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा गांवों के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से भारी तबाही मची। भारी बारिश और मलबे ने क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया।

    नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुंतरी लगा फाली में मलबा आने से छह भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए। इस घटना में सात लोग मलबे में दब गए थे, जिनमें से दो लोगों को स्थानीय लोगों और बचाव दलों ने सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि, पांच लोग अभी भी लापता हैं, और उनकी तलाश में तेजी से कार्य किया जा रहा है।



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    धुर्मा गांव में भी नुकसान

    नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी बारिश के कारण पांच भवनों को नुकसान पहुंचा है। सौभाग्यवश, इस क्षेत्र में जनहानि की कोई सूचना नहीं है। हालांकि, मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने से आसपास के इलाकों में खतरे की स्थिति बनी हुई है।


    बचाव अभियान में तेजी

    जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुंच चुकी है, जबकि एनडीआरएफ की टीम गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने जानकारी दी कि मेडिकल टीमें और तीन 108 एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेज दी गई हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और लापता लोगों की तलाश में हर संभव प्रयास किया जा रहा है।


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    उत्तराखंड में लगातार आपदाएं

    यह घटना उत्तराखंड में हाल के दिनों में हुई आपदाओं की श्रृंखला में एक और कड़ी है। हाल ही में देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ था, जिसमें होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। चमोली जिला इस मानसून में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है। जलवायु परिवर्तन और हिमालयी क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।


    प्रशासन की अपील

    जिलाधिकारी ने लोगों से नदियों और जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने चमोली और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


    चमोली में बादल फटने की इस घटना ने एक बार फिर उत्तराखंड की आपदा प्रबंधन व्यवस्था को चुनौती दी है। प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि लापता लोग जल्द सुरक्षित मिल जाएं। प्रशासन और बचाव दल दिन-रात राहत कार्यों में जुटे हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक उपायों और बेहतर आपदा प्रबंधन की आवश्यकता है।


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