सस्ती चॉकलेट और घड़ियां: 1 अक्टूबर से भारत-EFTA फ्री ट्रेड डील लागू, स्विट्जरलैंड का बड़ा प्लान!
सारांश: भारत-EFTA फ्री ट्रेड डील 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी। 15 साल में 100 अरब डॉलर का निवेश और 10 लाख नौकरियां। स्विस चॉकलेट, घड़ियां सस्ती होंगी।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »लेखक: अनन्या दीक्षित , संवाददाता प्रकाशित: 3 सितंबर 2025
नई दिल्ली – स्विट्जरलैंड ने ऐलान किया है कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो जाएगा। यह समझौता न सिर्फ व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि सतत विकास (Sustainable Development) पर भी जोर देता है, जो भारत के लिए पहली बार किसी FTA में कानूनी रूप से बाध्यकारी है। EFTA अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। स्विस चॉकलेट, घड़ियां, और हीरे जैसे उत्पाद अब सस्ते होंगे!
भारत-EFTA फ्री ट्रेड डील: क्या है खास?
16 साल की लंबी बातचीत के बाद, भारत और EFTA (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड) ने 10 मार्च 2024 को ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत के लिए एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह पहली बार है जब भारत ने किसी FTA में व्यापार के साथ-साथ सतत विकास पर बाध्यकारी प्रावधान शामिल किए हैं। स्विट्जरलैंड ने कहा, "यह समझौता पर्यावरण और श्रम कानूनों का उल्लंघन रोकेगा, साथ ही अंतरराष्ट्रीय सामाजिक और पर्यावरणीय मानकों को बनाए रखेगा।"
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समझौते के तहत:
100 अरब डॉलर का निवेश: EFTA अगले 10 साल में 50 अरब डॉलर और उसके बाद 5 साल में 50 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
10 लाख नौकरियां: भारत में 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, खासकर मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा, और मशीनरी सेक्टर में।
सस्ते स्विस उत्पाद: स्विस घड़ियां, चॉकलेट, और कटे-पॉलिश किए गए हीरे जैसे उत्पादों पर शुल्क कम या शून्य होगा।
बाजार पहुंच: भारत स्विट्जरलैंड के 94.7% निर्यात (2018-2023, सोना छोड़कर) के लिए बेहतर बाजार पहुंच देगा, जिसमें दवाएं, मशीनरी, और ऑप्टिकल उपकरण शामिल हैं।
स्विट्जरलैंड के लिए भारत का महत्व
स्विट्जरलैंड के लिए भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता और सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। इस डील से स्विस कंपनियां, जैसे घड़ी निर्माता और फार्मा उद्योग, भारत में अपनी पहुंच बढ़ा सकेंगी। दूसरी ओर, भारत को यूरोपीय बाजारों में विस्तार का मौका मिलेगा, क्योंकि स्विट्जरलैंड की 40% से ज्यादा वैश्विक सेवा निर्यात EU को जाता है।
स्विस राजदूत माया टिसाफी ने कहा, "यह डील भारत-स्विट्जरलैंड संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम निवेश को आसान बनाने के लिए भारत और स्विट्जरलैंड के बिजनेस संगठनों के साथ काम कर रहे हैं।"
आगे क्या?
1 अक्टूबर से लागू होने वाली यह डील भारत को वैश्विक व्यापार में और मजबूत करेगी। हालांकि, कुछ उत्पादों पर शुल्क में कमी 10 साल की अवधि में धीरे-धीरे होगी। भारत ने डेयरी, सोया, और कोयला जैसे संवेदनशील सेक्टर्स को इस डील से बाहर रखा है। यह समझौता भारत को EU बाजारों में पहुंचाने का एक रास्ता भी बनेगा, क्योंकि स्विट्जरलैंड एक प्रमुख प्रवेश द्वार है।
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