पटना - बिहटा ESIC अस्पताल में 21 लैब टेक्नीशियनों की छंटनी, कर्मचारियों का हंगामा
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »वी न्यूज 24, पटना, 02:00 PM IST
बिहटा से कलीम की रिपोर्ट (8 अक्टूबर 2025)
पटना जिले के बिहटा प्रखंड के सिकंदरपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत 21 कर्मचारियों को अचानक नौकरी से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस फैसले से आक्रोशित कर्मचारियों ने मंगलवार को अस्पताल के मुख्य द्वार पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और हंगामा मचा दिया। कर्मचारी चार साल से अधिक समय से अस्पताल में सेवा दे रहे थे, और अब उनकी छंटनी को लेकर वे कंपनी प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
घटना का विवरण
बिहटा ESIC अस्पताल, जो पटना के बाहरी इलाके में स्थित एक प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, में सुदर्शन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से ये लैब टेक्नीशियन कार्यरत थे। मंगलवार को अचानक जारी आदेश के अनुसार, 15 अक्टूबर से पहले इन सभी 21 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया जाना है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कोई पूर्व सूचना या कारण नहीं बताया गया। इसके बजाय, कंपनी पर आरोप है कि वह मोटी रकम लेकर नए लोगों की भर्ती करेगी।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने अस्पताल के मुख्य गेट को अवरुद्ध कर दिया और नारेबाजी की। उन्होंने डीन और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ बैनर लगाए, जिसमें लिखा था: "4 साल की निष्ठा का अपमान न करें" और "भ्रष्टाचार बंद करो, कर्मचारियों को न्याय दो"। स्थिति तब बिगड़ी जब कर्मचारी अस्पताल में मरीजों की सेवाओं को प्रभावित करने की धमकी देने लगे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने हल्की फोर्स तैनात कर स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
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कर्मचारियों के आरोप
प्रदर्शन में शामिल एक लैब टेक्नीशियन, शंकर दयाल शर्मा ने बताया, "जब बिहटा में ESIC अस्पताल की शुरुआत हुई थी, तब से हम सभी 21 साथी लैब टेक्नीशियन के रूप में लगातार सेवा दे रहे थे। सुदर्शन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के अंडर हम काम कर रहे थे। लेकिन आज अचानक हमें हटाने का आदेश आ गया। हमारा अनुमान है कि कंपनी पैसे लेकर नए चेहरों को जगह देगी। हम बिना किसी गलती के बेरोजगार हो जाएंगे।"
अन्य कर्मचारियों ने भी आरोप लगाया कि यह छंटनी ESIC अस्पताल के आउटसोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट की समीक्षा से जुड़ी हो सकती है, लेकिन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। वे कहते हैं कि पिछले चार वर्षों में उन्होंने अस्पताल की लैब सेवाओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन अब उनका कोई सम्मान नहीं हो रहा।
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पृष्ठभूमि और संभावित कारण
ESIC मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बिहटा पटना के बाहरी इलाके में 25 एकड़ भूमि पर फैला एक आधुनिक स्वास्थ्य संस्थान है, जो श्रमिकों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है। यह पटना के फुलवारी शरीफ क्षेत्र के निकट स्थित है और ESIC के मिशन के तहत गरीब मजदूरों की सेवा के लिए स्थापित किया गया था। अस्पताल में वर्तमान में विभिन्न विभागों में सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से कई आउटसोर्सिंग के माध्यम से हैं।
कर्मचारियों के अनुसार, यह छंटनी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट नवीनीकरण या ESIC की नई नीतियों से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। स्थानीय स्तर पर यह घटना श्रमिक अधिकारों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की असुरक्षा को उजागर कर रही है। बिहटा क्षेत्र में पहले भी ESIC अस्पताल से जुड़े विवाद सामने आ चुके हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर छंटनी की यह पहली घटना है।
आगे की कार्रवाई
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें (जैसे छंटनी रद्द करना और स्थायी नौकरी की गारंटी) पूरी नहीं हुईं, तो वे उच्च स्तर पर धरना और ESIC मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे। वे बिहार श्रम विभाग और ESIC क्षेत्रीय निदेशालय से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। फिलहाल, अस्पताल प्रशासन ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन स्रोतों के अनुसार, मामले की जांच शुरू हो गई है।
यह घटना बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की असुरक्षा को रेखांकित करती है। यदि ऐसी छंटनियां जारी रहीं, तो यह ESIC जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर सकती हैं।
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