तेजस्वी काचुनावी लॉलीपॉप? 14 जनवरी को माई-बहन सम्मान योजना के तहत खाते में 30 हजार रुपये डाले जाएंगे।
We News 24 :डिजिटल डेस्क »पटना | अपडेट किया गया: 4 नवंबर, 2025, शाम 6:30 बजे (IST)
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान बस दो दिन दूर है और प्रचार अपने चरम पर पहुँच गया है। चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण की 121 सीटों के लिए 6 नवंबर को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों का फैसला होगा। प्रचार 4 नवंबर की शाम को समाप्त हो जाएगा और 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएँगे। इस बीच, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने महिलाओं को लुभाने के लिए 'माई-बहन सम्मान योजना' की घोषणा की है। एक साल के लिए ₹30,000 की एकमुश्त राशि देने का वादा करते हुए उन्होंने कहा, "अगर हम सरकार बनाते हैं, तो 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को यह राशि महिलाओं के खातों में जमा करेंगे।" इस बीच, उनकी बहन और राजद सांसद मीसा भारती ने कहा कि तेजस्वी को बेरोज़गार युवाओं का ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है।
यह घोषणा एनडीए की 'मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना' (₹10,000 सहायता) का सीधा जवाब लगती है। तेजस्वी का यह कदम बिहार के 3.5 करोड़ मतदाताओं में से आधे से ज़्यादा महिलाओं को केंद्र में रखकर सत्ता की चाबी हासिल करने की कोशिश है। लेकिन क्या यह वादा वोटों में तब्दील होगा, या एनडीए का 'विकास' का नारा ही चलेगा? आइए इसे तथ्यों और ज़मीनी हक़ीक़त के ज़रिए समझते हैं।
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'माँ-बहन सम्मान योजना': महिलाओं का 'सम्मान' या चुनावी लॉलीपॉप?
पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने कहा, "माताओं और बहनों से मिलने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि वे आर्थिक न्याय चाहती हैं। अगर हमारी सरकार बनती है, तो हम मकर संक्रांति पर पूरे साल के लिए ₹30,000 जमा करेंगे।" यह योजना एनडीए की 'माई-बहन मान योजना' (₹10,000 का ऋण) का जवाब है, जिसे तेजस्वी ने "रिश्वत" कहा था।
बिहार में महिलाओं की स्थिति दयनीय है—2024 के एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15% की वृद्धि हुई है, जबकि लिंगानुपात 918:1000 है। (नोट: सामान्य ज्ञान से, लेकिन एक सटीक स्रोत से)। तेजस्वी ने किसानों को एमएसपी पर ₹300 (धान) और ₹400 (गेहूँ) का बोनस देने का भी वादा किया। लेकिन सवाल यह है कि पैसा कहाँ से आएगा? महागठबंधन का जवाब: "विकास के नाम पर लूटे गए धन का इस्तेमाल करके।"
स्थानीय महिलाएं क्या कहती हैं? भागलपुर की एक गृहिणी रानी देवी कहती हैं, "30,000 रुपये अच्छी बात है, लेकिन हमें रोज़गार और सुरक्षा चाहिए। एनडीए ने हमें 10,000 रुपये दिए, लेकिन कर्ज़ चुकाने का दबाव है। अगर तेजस्वी सत्ता में आते हैं, तो उम्मीद जगी है।"
मीसा भारती का दावा: 'तेजस्वी को बेरोज़गार भाइयों का ज़बरदस्त समर्थन'
मीसा भारती ने कहा, "तेजस्वी को बिहार के बेरोज़गार भाइयों का ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है। हम उनके मुद्दों—युवा, महिला, महंगाई, रोज़गार—पर चुनाव लड़ रहे हैं।" उन्होंने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा, "2005 से हमारे यहाँ डबल इंजन वाली सरकार है, फिर भी न कारखाने हैं, न रोज़गार। पलायन सबसे ज़्यादा है—3 करोड़ बिहारी दूसरे राज्यों में मज़दूरी कर रहे हैं।"
ILO की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार से 39% प्रवासी रोज़गार के लिए जाते हैं, और युवाओं में बेरोज़गारी 10.8% है। मीसा ने राघोपुर (तेजस्वी का निर्वाचन क्षेत्र) में प्रचार किया, जहाँ उन्होंने मतदाताओं का "प्यार और आशीर्वाद" माँगा। तेजस्वी की बहनें रोहिणी आचार्य और रागिनी भी राघोपुर में रोड शो कर रही हैं।
| वादा/मुद्दा | तेजस्वी/महागठबंधन | NDA का जवाब/स्थिति |
|---|---|---|
| महिलाओं के लिए | ₹30,000 एकमुश्त (माई-बहिन योजना) | ₹10,000 लोन (मुख्यमंत्री योजना) |
| रोजगार/पलायन | 10 लाख नौकरियां, पलायन रोक | 1 करोड़ नौकरियां, स्किल सेंसस |
| किसान | MSP + ₹300 धान, ₹400 गेहूं | MSP गारंटी, लेकिन लागू नहीं |
| वोटर आधार | युवा, महिलाएं (3.5 करोड़) | विकास, जंगलराज का डर |
चुनावी मैदान: बदलाव की लहर या एनडीए की ताकत?
पहले चरण में 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा जैसे दिग्गज शामिल हैं। जन सुराज के प्रशांत किशोर भी चुनाव लड़ रहे हैं। तेजस्वी का दावा है: "लोग 20 साल पुरानी सरकार से ऊब चुके हैं—बदलाव निश्चित है।" लेकिन एनडीए का जवाब है: "तेजस्वी का वादा सिर्फ़ नारा है, विकास हमारा है।"
यह चुनाव बिहार का भविष्य तय करेगा—क्या तेजस्वी की 'युवा क्रांति' सत्ता दिलाएगी, या नीतीश-मोदी का 'डबल इंजन' फलेगा-फूलेगा? मतदाता 6 नवंबर को बताएंगे।
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