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    नीतीश कुमार का 10वाँ राज: बिहार कैबिनेट में 26 मंत्री, 12 नए चेहरे जो सबको चौंका रहे हैं

    नीतीश कुमार का 10वाँ राज: बिहार कैबिनेट में 26 मंत्री, 12 नए चेहरे जो सबको चौंका रहे हैं


    We News 24 :डिजिटल डेस्क » अमिताभ मिश्रा

    पटना, 20 नवंबर 2025 :- गांधी मैदान पर सुबह की धूप में नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ 26 मंत्रियों ने हलफनामा लिया, जिसमें बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम बने। लेकिन असली सनसनी फैलाई इन 12 नए चेहरों ने – वे नाम जो न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में, बल्कि आम बिहारी के घर-घर चर्चा का विषय बन गए। ये नए मंत्री जाति समीकरण, युवा ऊर्जा और अनुभव का अनोखा मिश्रण हैं। आइए, इनकी कहानियों को करीब से देखें – ये सिर्फ नाम नहीं, बिहार की नई उम्मीदें हैं।


    1. रामकृपाल यादव: दानापुर का 'लायन', लेकिन मामूली पढ़ाई

    दानापुर से बीजेपी के दिग्गज रामकृपाल यादव को कैबिनेट में जगह मिलते ही समर्थक नाचने लगे। 1974 में मैट्रिक पास करने वाले रामकृपाल ने 1978 में एएन कॉलेज से बीए किया। लेकिन दो आपराधिक मामले लंबित होने की वजह से सवाल उठ रहे हैं। संपत्ति की बात करें तो पत्नी आगे हैं – उनके पास 30.27 लाख की चल संपत्ति, जबकि रामकृपाल के पास 14.16 लाख। एक पुरानी जिप्सी भी है, और नौबतपुर में सवा एकड़ जमीन। पत्नी की तो पटना में 1.55 करोड़ की प्रॉपर्टी है। रामकृपाल कहते हैं, “मैं गरीब परिवार से हूँ, लेकिन सेवा का जज्बा अमीर है।”



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    2. संजय सिंह 'टाइगर': आरा का जुझारू, पिता की विरासत

    आरा से दूसरी बार विधायक बने 50 साल के संजय सिंह उर्फ 'टाइगर' नीतीश कैबिनेट के नए सितारे हैं। भोजपुर के अमराई नवादा के रहने वाले संजय ने एएन कॉलेज से बीए, एलएलबी और एमए किया। चार भाइयों में सबसे छोटे, उनके पिता बिहार महालेखाकार के दफ्तर में क्लर्क थे। टाइगर की राजनीति में जंग देखनी है – वे कहते हैं, “बाप की मेहनत, बेटे की ताकत। बिहार को नई ऊँचाइयों पर ले जाऊँगा।” उनके समर्थक चिल्ला रहे हैं – टाइगर आ गया!


    3. अरुण शंकर प्रसाद: खजौली की जीत, यादव को 13 हजार वोटों से धूल

    बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद ने खजौली से राजद के बृज किशोर यादव को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। लगातार दूसरी जीत ने उन्हें कैबिनेट की कुर्सी दिलाई। अरुण की राजनीति अनुभव से भरी है, लेकिन वे कहते हैं, “यह जीत मेरी नहीं, पार्टी की है। अब विकास की बारी।” उनके आने से पूर्वी बिहार में बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई।


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    4. सुरेंद्र मेहता: कम्युनिस्ट से बीजेपी तक का सफर

    बछवाड़ा से सुरेंद्र मेहता का सफर प्रेरणादायक है। छात्र जीवन में एआईएसएफ से जुड़े, फिर कम्युनिस्ट पार्टी में। 2005 में बीजेपी जॉइन की, बरौनी से लड़े लेकिन हारे। 2015 में बेगूसराय, 2020 में बछवाड़ा से जीते। 2025 में रिकॉर्ड 1 लाख 3 सौ वोटों से जीत। सुरेंद्र हँसते हुए कहते हैं, “विचार बदलते हैं, मकसद नहीं। बिहार के किसानों के लिए लड़ूँगा।”

    5. नारायण प्रसाद: साहू समाज का चेहरा

    नौतन से चौथी बार जीते नारायण प्रसाद तेली (साहू) समाज के मजबूत स्तंभ हैं। स्थानीय लोग उन्हें 'नारायण साह' कहते हैं। दो भाई-दो बहन, भाई हरेंद्र अभी खेती करते हैं। कैबिनेट में जगह मिलने पर समर्थक उत्साहित – “हमारा समाज गर्व महसूस कर रहा है।” नारायण वादा करते हैं, “समुदाय की आवाज़ विधानसभा में गूँजेगी।”


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    6. रमा निषाद: वार्ड पार्षद से मंत्री, निषाद दांव

    औराई से पहली बार जीतीं रमा निषाद मुजफ्फरपुर के पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी और कैप्टन जयनारायण की बहू हैं। हाजीपुर नगर परिषद में पार्षद, उपाध्यक्ष और चेयरमैन रहीं। कुढ़नी से लड़ने की तैयारी थी, लेकिन बीजेपी ने औराई से टिकट दिया। भारी मतों से जीतकर मंत्री बनीं। रमा मुस्कुरातीं कहती हैं, “महिलाओं की ताकत दिखाऊँगी।” निषाद समाज को साधने का बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक।

    7. लखेंद्र कुमार रोशन: पातेपुर की चौंकाने वाली जीत

    पातेपुर से लखेंद्र कुमार रोशन ने आरजेडी की प्रेमा चौधरी को 22,380 वोटों से हराया। नया चेहरा होने से सब चौंके। लखेंद्र कहते हैं, “लोगों का भरोसा मेरी पूंजी है। विकास के लिए तैयार।”

    8. श्रेयसी सिंह: स्वर्ण पदकवीर से सबसे युवा मंत्री

    जमुई से दूसरी बार जीतीं श्रेयसी सिंह कैबिनेट की सबसे युवा और इकलौती एथलीट हैं। शूटिंग में स्वर्ण पदक, युवाओं के लिए हमेशा सक्रिय। बुद्धिजीवी उनकी गंभीरता की तारीफ करते हैं। श्रेयसी बोलीं, “खिलाड़ियों का सपना पूरा करूँगी। मेहनत से सब हासिल होता है।”


    9. दीपक प्रकाश: कुशवाहा की नई पीढ़ी

    उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को युवा नेतृत्व के लिए जगह। तकनीकी बैकग्राउंड, राजनीतिक सक्रियता। एनडीए की नई रणनीति – युवाओं को मौका। दीपक उत्साहित: “तकनीक से बिहार बदलेगा।”

    10. संजय कुमार: बखरी में 17 हजार वोटों की धमक

    एलजेपीआर के संजय कुमार ने बखरी से सीपीआई के सूर्यकांत पासवान को 17,318 वोटों से हराया। पिछले चुनाव में सूर्यकांत ने बीजेपी को महज 777 वोटों से हराया था। संजय कहते हैं, “जनता ने फैसला लिया। अब सेवा की बारी।”

    11. प्रमोद कुमार: विधायक कोटा से एमएलसी

    प्रमोद कुमार चंद्रवंशी जहानाबाद के रहने वाले, मनोनयन पर विधायक कोटा से एमएलसी। जाति समीकरण का हिस्सा। प्रमोद वादा: “ग्रामीण विकास पर फोकस।”

    ये 12 चेहरे बिहार की राजनीति में नया रंग भर रहे हैं। नीतीश का 10वाँ टर्म स्थिरता का वादा करता है, लेकिन ये नए मंत्री साबित करेंगे कि बदलाव भी आ रहा है। बिहार की जनता की नजर इन पर – क्या ये वादे पूरे करेंगे?

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