दिल्ली ब्लास्ट ED की बड़ी कार्रवाई: अल-फलाह ग्रुप चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी और भाई गिरफ्तार
We News 24 :डिजिटल डेस्क » संवाददाता ,काजल कुमारी
नई दिल्ली, 18 नवंबर, 2025, दोपहर 12:30 बजे (IST): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जामिया नगर स्थित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यालय पर 16 घंटे तक छापेमारी की, जो धन शोधन के एक मामले में एक बड़ी सफलता है। ईडी ने अल-फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी और उनके भाई हमूद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। जवाद की बहन को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई मंगलवार को दिल्ली और फरीदाबाद में 19 ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद की गई है, जिसमें 48 लाख रुपये नकद, डिजिटल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे। ये गिरफ्तारियाँ पीएमएलए की धारा 19 के तहत की गईं, जो धन शोधन निवारण अधिनियम का एक हिस्सा है।
दो एफआईआर के आधार पर जाँच शुरू: झूठी NAAC रेटिंग और UGC मान्यता का दावा
ईडी की जाँच दिल्ली पुलिस अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो एफआईआर पर आधारित है। पहली एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अल फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने उच्च NAAC रेटिंग प्राप्त करने का झूठा दावा किया, जिससे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया गया। दूसरी एफआईआर यूजीसी की धारा 12(बी) के तहत पूर्ण मान्यता के झूठे दावे से संबंधित है। यूजीसी ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय केवल धारा 2(एफ) के तहत एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में पंजीकृत है और उसने कभी धारा 12(बी) के लिए आवेदन नहीं किया। इसके अलावा, लाल किला कार बम विस्फोट मामले (10 नवंबर, 2025) में विश्वविद्यालय के डॉक्टरों (उमर नबी और मुज़म्मिल गनई) की संलिप्तता ने जाँच का दायरा बढ़ा दिया। एआईयू ने विश्वविद्यालय की सदस्यता रद्द कर दी है।
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जवाद एक ट्रस्ट के माध्यम से समूह को नियंत्रित करता है: 1995 से विस्तार, लेकिन वित्तीय अनियमितताएँ
अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट (1995 में स्थापित) का नियंत्रण जवाद अहमद सिद्दीकी के पास है, जो विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों का संचालन करता है। 1990 के दशक से समूह का तेज़ी से विस्तार हुआ है, लेकिन इसकी वित्तीय स्थिति संदिग्ध बनी हुई है। ईडी के अनुसार, जवाद ने ट्रस्ट के धन को पारिवारिक कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया। नौ शेल कंपनियों (सभी एक ही पते पर पंजीकृत) का इस्तेमाल धन जुटाने के लिए किया गया। जवाद पर 2000 का एक पुराना मामला भी चल रहा है, जिसमें उन पर हलाल निवेश योजना के माध्यम से निवेशकों को धोखा देने का आरोप है।
19 ठिकानों पर छापे: 48 लाख रुपये नकद, दस्तावेज़ ज़ब्त; आतंकी संबंधों का संदेह
ईडी ने लाल किला विस्फोट (14 मृत, 20 घायल) से जुड़े एक 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल' की जाँच के तहत दिल्ली (जामिया नगर) और फरीदाबाद में 19 ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में करोड़ों रुपये की अवैध कमाई का पता चला, जिसे ट्रस्ट से पारिवारिक फर्मों में स्थानांतरित किया गया था। बरामद सामान:
48 लाख रुपये नकद
डिजिटल उपकरण (लैपटॉप, मोबाइल फोन)
वित्तीय दस्तावेज और रिकॉर्ड
सूत्रों का कहना है कि जवाद ने धन के हेर-फेर और लेयरिंग के ज़रिए समूह को फायदा पहुँचाया। विश्वविद्यालय का जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल से संबंध भी जाँच के दायरे में है।
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आगे की कार्रवाई: ज़मानत मुश्किल, पूछताछ जारी
गिरफ्तार जवाद और उसके भाई को पूछताछ के लिए ईडी की हिरासत में रखा जाएगा। पीएमएलए के तहत ज़मानत मुश्किल है। बहन की भूमिका भी जाँच का विषय होगी। ईडी ने कहा कि यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं, फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित है। विश्वविद्यालय की सदस्यता रद्द होने से छात्रों पर असर पड़ सकता है।
यह रिपोर्ट ईडी के आधिकारिक बयान और विश्वसनीय सूत्रों पर आधारित है। अपडेट के लिए बने रहें।
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