7 साल बाद इंसाफ: बुलंदशहर मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के पांच आरोपी दोषी, सोमवार को आएगी सजा
We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️रिपोर्ट: अमित शर्मा
बुलंदशहर: सात साल से चले आ रहे एक ऐसे हैवानियत भरे मामले में आज इंसाफ की एक बड़ी जीत हुई है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया था।यूपी के बुलंदशहर स्थित नेशनल हाईवे-91 पर 28 जुलाई 2016 की रात गाजियाबाद निवासी कार सवार परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और सभी परिजनों से लूटपाट करने वाले पांच आरोपियों को बुलंदशहर की एक विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा के न्यायालय ने दोषी करार दिया है। न्यायालय ने सजा के लिए 22 दिसंबर की तारीख नियत की है। इस प्रकरण में छह आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। जिनमें से एक आरोपी की पूर्व में ही जिला कारागार में बीमारी के चलते मृत्यु हो चुकी है। जबकि, दो आरोपियों को अलग-अलग मामलों में नोएडा व हरियाणा पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।
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क्या हुआ था उस रात?
इस दर्दनाक घटना की तफ़्सील सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 29-30 जुलाई 2016 की दरमियानी रात को एक परिवार अपने रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने के लिए नोएडा से शाहजहाँपुर जा रहा था। रात करीब डेढ़ बजे, बुलंदशहर के कोतवाली देहात क्षेत्र के दोस्तपुर गांव के पास, जैसे ही उनकी गाड़ी से किसी भारी चीज़ के टकराने की आवाज़ आई और वे रुके, अंधेरे से निकलकर कुछ बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। हथियारों के दम पर पूरे परिवार को पास के एक खेत में ले जाया गया। वहाँ पुरुषों को रस्सी से बाँधने के बाद, उन बर्बर लोगों ने परिवार की महिला और उसकी किशोर बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया। विरोध करने पर पुरुषों की पिटाई भी की गई और उनका सामान लूटकर भाग गए।
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कौन हैं दोषी?
विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) ओमप्रकाश वर्मा ने आरोपियों जुबेर उर्फ़ सुनील, साजिद, धर्मवीर उर्फ़ राका, सुनील उर्फ़ सागर और नरेश उर्फ़ संदीप को दोषी ठहराया है। मामले में छठे आरोपी सलीम की पेशी के दौरान ही मौत हो गई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने बताया कि पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
"इंतज़ार खत्म हुआ, अब सख्त सजा मिले"
इस फैसले ने पीड़ित परिवार और समाजसेवियों में एक उम्मीद की किरण जगाई है। मामले की पैरवी करने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता ने वी न्यूज 24 से कहा, "ये परिवार सात साल से इंसाफ का इंतज़ार कर रहा था। आज उनकी आँखों में कुछ रौशनी दिखी है। लेकिन अब जरूरी है कि इन जालिमों को ऐसी सख्त सजा मिले, जो दूसरों के लिए सबक बने।" स्थानीय लोग भी त्वरित सजा की माँग कर रहे हैं।
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कल सजा सुनाए जाने के साथ ही, इस सदमे और लंबी कानूनी लड़ाई से जूझ रहे परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है। यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण परीक्षा भी रहा है।
वी न्यूज 24 पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और न्याय की पूरी उम्मीद करता है।
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