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    कटे सिर का बदला लेते हजारों आदिवासियों ने बंगाली बस्ती MV-26 को जला कर राख कर दिया

    कटे सिर का बदला लेते हजारों आदिवासियों ने बंगाली बस्ती MV-26 को जला कर राख कर दिया


    We News 24 : डिजिटल डेस्क » वी न्यूज 24, मालकांगिरी | 9 दिसंबर 2025

    रिपोर्ट: सूरज पांडेय

    भुवनेश्वर/मालकांगिरी। भाई, ये जो मालकांगिरी में चल रहा है ना, वो दिल दहला देने वाला है। एक आदिवासी महिला का कटा सिर मिलने के बाद पूरा इलाका आग की लपटों में घिर गया है। लोग कह रहे हैं – “अब बस बहुत हुआ, अब बदला तो लेना ही पड़ेगा!”

    सोमवार सुबह-सुबह करीब 10 हजार आदिवासी पारंपरिक हथियार लेकर कोरूकोण्डा ब्लॉक के MV-26 गांव पहुंच गए। गांव पहले से ही खाली था, बंगाली भाषी लोग रातों-रात सामान समेट कर भाग चुके थे। फिर क्या था… भीड़ ने घरों में आग लगा दी, दुकानें लूट लीं, गैस सिलिंडर फटने की तेज आवाजें आईं… देखते-देखते 50 से ज्यादा घर जलकर खाक हो गए। दमकल की गाड़ियां भी पहुंचीं, लेकिन भीड़ ने उन पर पत्थर बरसा दिए।



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    पुलिस, DVF, BSF सब मौजूद थे, फिर भी कुछ नहीं कर पाए। SP बिनयतोष पाटिल खुद आगे आए, समझाने की कोशिश की, हाथ जोड़ लिए, लेकिन गुस्सा इतना था कि किसी ने नहीं सुनी।

    दरअसल बात 4 दिसंबर की है। राखालगुड़ा गांव की आदिवासी महिला लाके पाड़ियामी तीन दिन से लापता थीं। उनका सिरविहीन शव मिला। आदिवासी समुदाय का सीधा आरोप है कि जमीन विवाद में बंगाली भाषी लोगों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। सिर आज तक नहीं मिला, इसलिए पोस्टमॉर्टम भी नहीं हो पाया। बस यही बात आग में घी का काम कर गई।

    इतना ही नहीं, पूरे जिले में इंटरनेट 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। अफवाह न फैले, इसलिए मोबाइल इंटरनेट ठप। सभी थाने हाई अलर्ट पर हैं। सोमवार शाम को खुद ओडिशा के DGP वाई.बी. खुरानिया हेलिकॉप्टर से मालकांगिरी पहुंचे। उनके साथ ADG संजीव पांडा, IG अखिलेश्वर सिंह और दक्षिण-पश्चिम रेंज के DIG के.वी. सिंह भी थे। लंबी मीटिंग चली, कहा जा रहा है कि हिंसा को और इलाकों में फैलने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।


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    उधर बंगाली समाज भी चुप नहीं बैठा। सुबह MV-3 गांव में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए। विशाल रैली निकाली और कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। उनकी मांग है – 72 घंटे में दोषियों को पकड़ो, MV-26 वालों को मुआवजा दो और सुरक्षा दो।

    कलेक्टर ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाया था। आदिवासी नेता तो पहुंच गए, लेकिन बंगाली समाज का कोई बड़ा नेता नहीं आया। बैठक कैंसिल।

    अब आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। बंगाली बस्तियों में लोग रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। कोई नहीं जानता अगला नंबर किसका होगा।

    वी न्यूज 24 लगातार इस खबर पर नजर बनाए हुए है। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं, बस इतना कह रहा है – “शांति बनाए रखें”। लेकिन जमीन पर शांति का नामोनिशान नहीं।


    (वी न्यूज 24 – सच सबसे तेज, सच सबसे साफ) 

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