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    लोकसभा में वंदे मातरम पर बवाल: अखिलेश का धाँसू पलटवार – “जिन्होंने आजादी में हिस्सा नहीं लिया, वो राष्ट्रगीत का मतलब क्या समझेंगे?”


    लोकसभा में वंदे मातरम पर बवाल: अखिलेश का धाँसू पलटवार – “जिन्होंने आजादी में हिस्सा नहीं लिया, वो राष्ट्रगीत का मतलब क्या समझेंगे?”


    We News 24 : डिजिटल डेस्क »

    रिपोर्ट: विक्रम यादव, वी न्यूज 24 (संसद डेस्क)

    नई दिल्ली | 8 दिसंबर 2025 भाई, आज लोकसभा में तो पुराना वाला तूफान उठ गया! वंदे मातरम के 150 साल पर चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन 10 मिनट में ही सदन गरमा गया। एक तरफ पीएम मोदी ने इमोशनल स्पीच दी, दूसरी तरफ अखिलेश यादव और गौरव गोगोई ने सीधा काउंटर अटैक कर दिया।

    अखिलेश यादव ने लपेटा पूरा: सपा सुप्रीमो खड़े हुए और बोले –

    “ये वंदे मातरम किसी की बपौती नहीं है! ये तो पूरे देश का गीत है, आजादी की लड़ाई का नारा था। रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया, स्वदेशी आंदोलन की जान बना। लेकिन कुछ लोग हैं जो हर चीज को अपना बताना चाहते हैं। जिन्होंने आजादी की लड़ाई में हिस्सा ही नहीं लिया, वो राष्ट्रगीत का महत्व क्या जानेंगे? कुछ लोग तो उस जमाने में अंग्रेजों के मुखबिर बने हुए थे, आज वही सबसे बड़े राष्ट्रवादी बन रहे हैं!”



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    सदन में सन्नाटा... फिर विपक्ष की बेंच से तालियाँ!

    गौरव गोगोई ने भी नहीं छोड़ा:


    कांग्रेस के फायरब्रांड गौरव गोगोई बोले –

    “मोदी जी हर बार नेहरू जी और कांग्रेस का नाम लेते हैं। हमारे पास टेबल तैयार है – ऑपरेशन सिंदूर में 14 बार नेहरू, 50 बार कांग्रेस! भाई, आप जितना मिटाओगे, नेहरू जी उतना ही चमकेंगे।”

    फिर मुस्लिम लीग वाला पुराना किस्सा निकाला – “मुस्लिम लीग पूरा गीत हटाना चाहती थी, लेकिन मौलाना आजाद ने कहा था – मुझे कोई दिक्कत नहीं। फर्क यही था जिन्ना और आजाद में।”


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    पीएम मोदी ने भी पुराना हिसाब खोला था:

    इससे पहले मोदी जी ने नेहरू जी पर तंज कसा था –

    “नेहरू जी को लगा था कि वंदे मातरम से मुस्लिम भड़क जाएँगे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में इसकी समीक्षा तक करवाई गई थी।”

    फिर बोले – “वंदे मातरम सिर्फ गीत नहीं, ये प्रेरणा है। 15 अगस्त, 26 जनवरी, हर घर तिरंगा – सबमें यही भाव गूंजता है।”


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    सदन का मूड?

    बीजेपी वाले बार-बार ताली पीट रहे थे, विपक्ष वाले बीच-बीच में “शेम-शेम” चिल्ला रहे थे। स्पीकर साहब को कई बार माइक बंद करना पड़ा। कल राज्यसभा में अमित शाह जवाब देंगे, तब और मजा आएगा।

    तो भाई, वंदे मातरम पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन असल में 1947 और 2025 के बीच की लड़ाई चल रही है। देखते हैं कौन बाजी मारता है!


    विक्रम यादव के साथ,

    वी न्यूज 24, संसद भवन (लाइव) 

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