चुनाव सुधार पर सरकार-विपक्ष की जंग, नड्डा ने कांग्रेस को दिखाया आईना,क्या हम घुसपैठियों को मतदाता सूची में जगह दें?
We News 24 : डिजिटल डेस्क »✍️रिपोर्ट: अमित शुक्ला,वी न्यूज 24 के लिए, दिल्ली संसद भवन से
नई दिल्ली। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी चुनाव सुधारों पर जमकर हुई बहस के दौरान सरकार और विपक्ष आमने-सामने रहे। विपक्ष ने वोटिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाए तो सत्तापक्ष ने हर आरोप का जवाब तथ्यों से दिया। दस घंटे चली इस चर्चा के आखिर में नेता सदन व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।
नेता सदन नड्डा ने कहा कि चुनाव में हार के बाद मतदाताओं को भ्रमित करने की बजाय कांग्रेस को अपना रास्ता बदलना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "जिस तरह कमजोर छात्र परीक्षा में फेल होने के बाद बहाने ढूंढते हैं, ठीक वैसे ही आज एक फिसड्डी पार्टी चुनावी हार के बहाने ढूंढ रही है।"
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राज्यसभा में हुई इस चर्चा में पक्ष-विपक्ष के कुल 57 सदस्यों ने हिस्सा लिया। आखिर में सरकार की तरफ से नड्डा ने चर्चा का जवाब दिया।
विपक्ष पर जमकर बोले नड्डा
नड्डा ने कहा कि पूरा देश लोकतंत्र और एक-एक वोट के महत्व को जानता है। उन्होंने विपक्ष को संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा, "दुनिया की नजरों में भी भारत के चुनाव आयोग का अपना ऊंचा स्थान है।"
उन्होंने याद दिलाया, "दशकों तक चुनाव आयोग पर एक ही पार्टी का कब्जा रहा। वह पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रही। असल में वह जिम्मेदारी एक पार्टी के पास नहीं, बल्कि एक परिवार के पास थी। तब तो कभी चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाए गए।"
SIR मुद्दे पर क्या कहा?
विपक्ष के सदस्यों द्वारा SIR (सिस्टेमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) पर चर्चा की मांग पर नड्डा ने सवाल दागा, "SIR चुनाव आयोग करता है। संसद में उसका कौन प्रतिनिधि है जो जवाब देगा?"
उन्होंने आगे कहा, "1952 से 2004 तक दस बार SIR हुआ, जबकि भाजपा की सरकार सिर्फ एक बार 2002 में थी। हम और आप हों या न हों, SIR चुनाव आयोग का अधिकार है, इसलिए यह प्रक्रिया चलती रहेगी, प्रजातंत्र चलता रहेगा।"
घुसपैठियों का मुद्दा उठाया
नड्डा ने एक पुराना मामला याद करते हुए बताया कि कैसे एक पूर्व चुनाव आयुक्त ने रिटर्निंग ऑफिसर से मतदाता सूची से नाम हटाने का अधिकार ले लिया था, जिससे मृत, स्थानांतरित और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम नहीं हट सके।
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या हम घुसपैठियों को मतदाता सूची में जगह दें? चुनाव के नतीजे विपक्ष को तकलीफ दे रहे हैं, इसलिए वे अपने मतदाताओं में यह भ्रम फैला रहे हैं कि चुनाव आयोग की वजह से हार रहे हैं। यह पार्टीहित में देशहित के साथ समझौता है।"
कांग्रेस को सुनाई सीख
कांग्रेस को आंकड़े दिखाते हुए नड्डा ने कहा, "आप दशकों से कई राज्यों में सत्ता में नहीं हैं। अपनी समस्या को समझने का प्रयास कीजिए। रास्ता बदलिए, मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास न कीजिए।"
राज्यसभा में यह चर्चा नड्डा के उत्तर के साथ समाप्त हो गई। विपक्ष ने चुनाव सुधारों के नाम पर जो सवाल उठाए थे, सरकार ने उन्हें तथ्यों के आईने में खारिज कर दिया।
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