बिहार में है एक ऐसा अस्पताल, जहां 10 साल से नहीं हुआ इलाज
बिहार/बगहा/समाचार
बिहार बगहा: आपको जानकर आश्चर्य होगा की अस्पताल तो है| पर 10 साल से मरीज का इलाज नहीं हुआ है | है ना अचम्भीत करने वाली बात पर सच्चाई यही है |
यह हैरान करने वाली खबर बिहार के बगहा जिले का है | अस्पताल तो है , चिकित्सक व कर्मी भी हैं, पर मरीज नहीं है | टीकाकरण की मॉनीटरिंग जरूर होती है।
वाक्या इस प्रकार है इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जिसकी स्थापना सन 1953 में हुई थी। उस समय यहां मरीजों का ताँता लगा रहता था ।फिर 1981 में उसी परिसर में अनुमंडलीय अस्पताल की स्थापना हुई तो इसकी अनदेखी शुरू हो गई।और इलाज की व्यवस्था कम होती गई। और मरीज आने कम हो गये आज स्थिति यह है कि यहां पहुंचने वाले मरीज अनुमंडलीय अस्पताल में ही अपना इलाज कराते हैं।
एक ही परिसर में दो अस्पताल होने की ओर न तो विभाग और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान गया । यदि इस पीएचसी को किसी अन्य पंचायत में स्थानांतरित कर दिया जाए तो बड़ी आबादी को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल नहीं आना पड़ेगा।
अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में संचालित बगहा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक वर्ष पूर्व विभाग ने इस अस्पताल को भैरोगंज स्थानांतरित करने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।
पत्राचार के बाद विभाग ने नहीं दिया ध्यान
अनुमंडलीय अस्पताल में जहां आधा दर्जन चिकित्सकों की तैनाती है, वहीं पीएचसी में सिर्फ एक। बगहा के पूर्व विधायक प्रभात रंजन ङ्क्षसह ने इस पीएचसी का स्थानांतरण भैरोगंज करने का प्रयास किया था। विभाग ने इसे लेकर पत्राचार भी किया, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
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भैरोगंज के संजय दुबे, राकेश राव, मुकेश राव और मो. वैश्य कहते हैं कि यदि पीएचसी को भैरोगंज में स्थानांतरित कर चिकित्सकों की तैनाती हो जाए तो काफी सहूलियत होगी। बगहा एक पीएचसी प्रभारी डॉ. सूर्य नारायण महतो की मानें तो बीते 13 साल से इस अस्पताल में पदस्थापित हूं। यहां सिर्फ टीकाकरण की मॉनीटरिंग होती है।
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