बिहार में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, दो डॉक्टरों व एक एसडीओ सहित सात की मौत
बिहार/पटना/समाचार
पटना : अब तो सरकार ने भी माना है कि बिहार में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। अक्टूबर में डेंगू के अधिक मरीज पहचान में आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नगर विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह वैसे इलाकों की पहचान करे जहां डेंगू का ज्यादा प्रकोप है और वहां लगातार फॉगिंग कराया जाय।
अभी तक 809 मरीज की पुष्टि हुयी
स्वास्थ्य विभाग का अब तक दावा रहा है कि प्रदेश स्तर पर पिछले वर्ष की तुलना में बिहार में डेंगू का प्रकोप काफी हद तक कम रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि अकेले पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में अब तक डेंगू के 809 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। पहली नवंबर को पीएमसीएच में डेंगू के 89 मामले सामने आए, जिनमें पटना जिले के 80 मामले हैं, जबकि शेष नौ अन्य जिलों से संबंधित हैं।
दो डॉक्टरों व एक एसडीओ की मौत
डेंगू के प्रकोप का असर ऐसा है कि इस बीमारी की चपेट में आने से अब तक दो डॉक्टरों, एक डीपीओ की मौत हो चुकी है। बुधवार को सहरसा के एसडीओ सृष्टि सिन्हा की डेंगू की चपेट में आने से मौत हो गई। डेंगू से अब तक कुल सात मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री का दावा: अस्पतालों में बचाव की पर्याप्त व्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक राज्य के सरकारी अस्पतालों में डेंगू से बचाव और उपचार की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सरकार इस बीमारी को लेकर गंभीर है। अस्पतालों में प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है और न ही जांच को लेकर कोई संकट है।
पिछले वर्ष अगस्त से लेकर नवंबर तक डेंगू का काफी प्रकोप था, लेकिन इस वर्ष सितंबर तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में थी। अक्टूबर में मरीजों की संख्या बढ़ी है। इससे निपटने के लगातार उपाय हो रहे हैं। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए नगर विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह अधिक रोगग्रस्त इलाके की पहचान कर वहां नियमित छिड़काव करें।
मंत्री बोले: अपना काम नहीं कर रहा नगर निगम
राजधानी में डेंगू का कहर है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के पास फॉगिंग व एंटी लार्वा के छिड़काव के लिए एक ही दवा होने की जानकारी है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में विभिन्न सुविधाओं का उद्घाटन करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव की बाबत पूछे जाने पर केवल एक ही दवा मैलाथियान के उपयोग की बात कही। उन्होंने कहा, नगर निगम अपना कार्य सही से नहीं कर रहा है। कहा कि निजी अस्पतालों की जांच रिपोर्ट पर सौ फीसद विश्वास नहीं किया जा सकता है। पीएमसीएच और आरएमआरआइ में वॉयरोलॉजी लैब में सही जांच हो रही है।
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