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    चंद्रयान-3 :- अंतरिक्ष यान अभियान में भारत ने चीन को छोड़ दिया पीछे

     

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    We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अमित मेहलावत

    नई दिल्ली: भारत का महत्वाकांक्षी लूनर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम एक नए मील के पत्थर पर पहुंच गया है, क्योंकि देश के अब तीन अंतरिक्ष यान चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने इस मामले चीन को पीछे छोड़ दिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है और 23 अगस्त, 2023 को उसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है. 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 मिशन, 2019 के चंद्रयान-2 मिशन का फॉलो-अप है.

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    इसमें एक स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम नामक एक लैंडर और एक रोवर शामिल है, जिसे प्रज्ञान नाम दिया गया है. अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-2 के विपरीत, चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर शामिल नहीं है. इसके बजाय, इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल एक कम्युनिकेशन रिले सैटेलाइट के रूप में कार्य करता है, जो लैंडर के संदेशों को डिकोड करता है और उन्हें इसरो तक भेजता है. विक्रम लैंडर, जिसका नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया है, को एक चंद्र दिवस तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर होता है.



    तक अंजाम देता रहेगा, जब तक वह चंद्रमा की सतह पर नहीं पहुंच जाता और सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर लेता. इन दोनों के अलावा, चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, जो अब भी चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा है, भारत की चंद्रमा पर उपस्थिति को बढ़ाता है. 2,379 किलोग्राम के कक्षीय द्रव्यमान और सौर किरणों के जरिए 1000 वॉट बिजली पैदा करने में सक्षम यह बॉक्स आकार का यान, भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क और लैंडर के साथ संचार करता है.

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