उत्तरकाशी सुरंग हादसा: 50 घंटे से जिंदगी और मौत की कगार पर खड़े हैं 40 मजदूर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवासतव
उत्तराखंड:- के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में रविवार सुबह हुए भूस्खलन के बाद लगातार बचाव अभियान चलाया जा रहा है. टनल में 40 जिंदगियां पिछले 50 से ज्यादा घंटों से जीवन के लिए संघर्ष कर रही है. बचाव दल फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए तमाम कोशिशें कर रहा है लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है. इस मशीन के जरिए टनल के मलबे में 900 मिमी की स्टील पाइप लगाया जाएगा. जिसके जरिए सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित वापस निकाला जाएगा.
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ऊपर से लगातार गिर रही मिट्टी
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 900 मिमी व्यास के पाइप घटनास्थल पर पहुंच गए हैं. साथ ही ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी साइट पर पहुंच गई है. अब इसके लिए तेजी से प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे ज्यादा परेशानी इस बात से आ रही है कि निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार मिट्टी गिर रही है. इसके चलते पाइप डालकर रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जाएगा. जिससे ऊपर से गिर रहे मलबे को रोका जा सके. मशीन के जरिए खुदाई कर के टनल के अंदर पाइप डाला जाएगा. जिससे मजदूरों को बाहर निकाला जा सके. ऐसा माना जा रहा है कि इस अभियान में भी 24 घंटे से ज्यादा का वक्त लग सकता है.
मंगलवार रात या बुधवार तक बचाए जा सकते हैं मजदूर
आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मजदूरों को मंगलवार रात या बुधवार तक बचाया जा सकता है. बचाव दल लगातार मलबा हटाने में लगा हुआ है. मलबे के ढेर में सुरंग तैयार करके पाइप डाला जाएगा. इसके जरिए मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया गया है. सिन्हा ने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.
कैसे हुआ निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन?
रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे उत्तराकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन हुआ. जिस वक्त ये घटना हुई तब वहां कई मजदूर काम कर रहे थे, भूस्खलन के चलते 40 मजदूर सुरंग में फंस गए. जिन्हें निकालने के लिए तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि जहां पर भूस्खलन हुआ है वहां पर सॉफ्ट रॉक है जो भूस्खलन की वजह बना है.
मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है. जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है. इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. बचावकर्मियों के मुताबिक, फंसे हुए 40 मजूदरों के पास तक पहुंचने के लिए अभी लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना होगा. रेस्क्यू ऑपरेशन को चलते हुए करीब 52 घंटे से अधिक का समय हो गया है.
दिवाली की छुट्टी पर जाने वाले थे मजदूर
बता दें कि उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे पर सुरंग का निर्माण हो रहा है. सुरंग में काम कर रहे मजदूर 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर रविवार सुबह करीब आठ बजे दीपावली की छुट्टी पर जाने वाले थे, लेकिन इससे करीब ढाई घंटे पहले ही 5:30 बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे भूस्खलन हो गया. इस दौरान करीब 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया. जिस वक्त भूस्खलन हुआ उस समय वहां 45 मजदूर थे. मलबा धीरे-धीरे गिरता देख पांच मजदूर बाहर भाग आए. लेकिन 40 मजदूर सुरंग में फंस गए. बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर 4.5 किमी लंबी सुरंग का निर्माण हो रहा है. जिसका काम करीब 500 मीटर बाकी बचा है. सुरंग में दो शिफ्ट में काम किया जा रहा है. 12-12 घंटे की शिफ्त सुबह 8 से रात 8 बजे तक और रात आठ से सुबह 8 बजे तक होती है.
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