बिहार में बदले जमीन बेचने के नियम, जमाबंदी का ये सबूत देने पर ही होगी रजिस्ट्री
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / अमिताभ मिश्रा
पटना:- अब राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम पर जमाबंदी दर्ज होगी, उन्हें ही उस संपत्ति को दोबारा निबंधित करने का अधिकार मिलेगा. पंजीयन कार्यालयों में अतिक्रमण होने का साक्ष्य उपलब्ध कराने के बाद ही आवेदक को संबंधित संपत्ति बेचने की अनुमति दी जाएगी। भूमि विवाद के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने गुरुवार से ही यह फैसला लागू कर दिया है. विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने डीएम और सभी सब रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकारी दी है.
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रजिस्ट्री दस्तावेज कब खारिज होंगे?
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने कहा है कि यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित है, जिसके दस्तावेज में विक्रेता या दाता के नाम पर जमाबंदी कायम होने का कोई उल्लेख नहीं है. जमाबंदी विक्रेता-दाता के नाम पर स्थापित की जा रही है। यदि कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया तो उनके रजिस्ट्री दस्तावेज खारिज कर दिये जायेंगे। हालांकि, फ्लैट-अपार्टमेंट से जुड़े दस्तावेजों के ट्रांसफर पर यह नियम लागू नहीं होगा.
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अगर कोई मर गया..
शहरी क्षेत्रों में दस्तावेज़ में यह उल्लेख करना अनिवार्य है कि होल्डिंग संबंधित विक्रेता या दानदाता के नाम पर स्थापित है या उन्हें इससे संबंधित साक्ष्य उपलब्ध कराना होगा। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और उसके उत्तराधिकारी का निर्धारण होने के बाद ही संबंधित व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी दस्तावेज के पंजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है।
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हाईकोर्ट ने दो मुकदमों पर रोक लगा दी थी
दरअसल, निबंधन विभाग की ओर से पूर्व में जारी अधिसूचना के खिलाफ सीडब्ल्यूजेसी के तहत पटना हाईकोर्ट में दो मामले दायर किये गये थे. दोनों वादों में पटना उच्च न्यायालय ने आदेश पारित कर अधिसूचना संख्या 3644 दिनांक 10 अक्टूबर 2019 पर रोक लगा दी थी. साथ ही पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधितों को निर्देश भेजा था. निबंधन विभाग ने इससे संबंधित अन्य मामलों का समेकित आदेश 09 फरवरी 2024 को पारित कर सभी कार्यालयों को नया आदेश लागू करने का निर्देश दिया है.
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पहले ही दिन पटना में 300 आवेदन वापस आये
जमाबंदी में विक्रेता का नाम अंकित नहीं होने पर जमीन की बिक्री पर रोक लगाने वाले नये नियम के लागू होने के बाद गुरुवार को पटना जिले की 300 से अधिक जमीन की बिक्री के लिए निबंधन कार्यालय में जमा किये गये आवेदन वापस कर दिये गये. आवेदन की जांच में पाया गया कि जमीन बेचने वाले विक्रेता का नाम जमाबंदी में नहीं है. पटना सदर निबंधन कार्यालय में 50 से अधिक आवेदन वापस किये गये.
इस वर्ष तक सभी जमाबंदी को आधार नंबर से जोड़ दिया जायेगा
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि जमाबंदी को आधार नंबर से जोड़ने का काम किया जा रहा है. राज्य में मौजूद सभी जमाबंदियों को आधार नंबर से जोड़ने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है. वर्तमान में राज्य में जमाबंदी की संख्या चार करोड़ आठ लाख है. इसमें से अब तक 84 लाख 36 हजार 431 जमाबंदी को पूरी तरह से आधार नंबर से लिंक कर दिया गया है.
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