बेतिया राज के जमीन पर बिहार सरकार करेगी ये काम ,मंत्री ने बताये पुरे प्लान
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अमिताभ मिश्रा
पटना:- बिहार सरकार ने बेतिया राज की 15,538 एकड़ जमीन को अपनी संपत्ति घोषित कर लिया है। यह जमीन अब राज्य के विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाई जाएगी। इस संदर्भ में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित किया गया, जिसमें इस ऐतिहासिक निर्णय को कानूनी रूप दिया गया।
भूमि का उपयोग कैसे होगा?
राज्य के भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस जमीन का उपयोग विभिन्न विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। इसमें शामिल हैं:
शिक्षा और स्वास्थ्य:
- स्कूल, कॉलेज और अस्पताल का निर्माण।
- सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना।
आवास और पुनर्वास:
- भूमिहीनों को बसाने के लिए जमीन का आवंटन।
खेल और अन्य विकास कार्य:
- खेल के मैदान का निर्माण।
- अन्य बुनियादी ढांचे का विकास।
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यूपी की जमीन का भी मिला हक
बिहार सरकार को बेतिया राज की 143 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश में भी प्राप्त हुई है, जिसका इस्तेमाल विकास योजनाओं के लिए किया जाएगा।
कानून बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- पृष्ठभूमि: ब्रिटिश शासन के दौरान बेतिया राज की जमीन को "कोर्ट ऑफ वार्ड्स" के तहत रखा गया था। स्वतंत्रता के बाद, बेतिया राजघराने के अंतिम महाराजा की कोई संतान नहीं थी, इसलिए आजादी के बाद उनकी जमीन बिहार सरकार के अधीन आ गई ,लेकिन इस पर कोई स्पष्ट कानून नहीं था।
- समस्याएं: जमीन पर अतिक्रमण और भू-माफियाओं की गतिविधियों के कारण राज्य सरकार को इस पर नियंत्रण करने के लिए कानून बनाना पड़ा।
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आपत्ति दर्ज कराने का प्रावधान
- सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जिन लोगों को इस फैसले पर आपत्ति है, वे 60 दिनों के भीतर एडीएम स्तर के अधिकारी के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
- इसके बाद 90 दिनों में निर्णय लिया जाएगा।
- अगर पक्ष को निर्णय से असहमति होगी, तो वे 30 दिनों के भीतर कलेक्टर के पास अपील कर सकते हैं, जो 30 दिनों में निर्णय देंगे।
महत्वपूर्ण प्रभाव
इस निर्णय से:
- विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
- भूमिहीन और जरूरतमंदों को राहत मिलेगी।
- बेतिया राज की जमीन पर अतिक्रमण को रोका जाएगा।
यह कानून राज्य में सामाजिक और आर्थिक विकास को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
बिहार की जनता और राज्य सरकार के लिए यह निर्णय ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
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