संभल हिंसा में नई परतें खुलीं: सीसीटीवी कैमरों की तोड़फोड़ और ड्रोन फुटेज बनी सबूत
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / राजकुमार चौहान
संभल :- में हुई हिंसा से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उपद्रवियों ने अपने कृत्य को अंजाम देने से पहले पूरी योजना बनाई थी। जामा मस्जिद के रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की बाकायदा रेकी की गई थी और हिंसा के दौरान इन्हें तोड़ने के प्रयास किए गए ताकि पहचान के सबूत मिटाए जा सकें।
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कैमरों की तोड़फोड़ और फुटेज का खुलासा
कैमरों पर हमला:
- वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिखा कि कुछ युवक सीसीटीवी कैमरों की ओर इशारा करते हैं और थोड़ी ही देर में उन पर ईंट और डंडे से हमला करते हैं।
- एक युवक को कैमरे को हटाने के लिए उस पर चढ़ते हुए भी देखा गया।
ड्रोन और बचे हुए कैमरों का उपयोग:
- हालांकि, ड्रोन से हुई वीडियोग्राफी और बचे हुए कैमरों ने कई उपद्रवियों की हरकतों को रिकॉर्ड कर लिया।
- इन वीडियो में नकाब पहने हुए और पथराव करते हुए लोग साफ नजर आ रहे हैं।
प्रशासन की पहल:
- पुलिस ने इन फुटेज और ड्रोन वीडियो को सार्वजनिक किया है।
- जनता से अपील की गई है कि जो भी इन हमलावरों की पहचान करने में मदद कर सके, वह पुलिस को जानकारी दे। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
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घटनास्थल की स्थिति
- जामा मस्जिद के सामने मोहल्ला कोट गर्वी को जाने वाली गली में हिंसा के दौरान भीड़ इकट्ठा हुई और पथराव शुरू हुआ।
- 47 सेकंड की एक फुटेज में यह दिखता है कि उपद्रवी व्यवस्थित तरीके से ईंट और पत्थर फेंक रहे हैं।
- पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन अचानक भीड़ के इकट्ठा होने के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
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पुलिस की कार्रवाई और जांच
- पुलिस ने अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ 3,750 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की है।
- इन मामलों में कार्रवाई के लिए ड्रोन वीडियो और सीसीटीवी फुटेज को मुख्य आधार बनाया गया है।
- पुलिस और प्रशासन का दावा है कि फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा।
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संदेश और प्रशासन की अपील
पुलिस और प्रशासन ने जनता से सहयोग की अपील की है ताकि जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके। इस घटना ने यह भी दिखाया है कि तकनीक (ड्रोन और सीसीटीवी) के इस्तेमाल से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कितनी मदद मिल सकती है।
हिंसा और उपद्रव का यह मामला एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे योजनाबद्ध तरीके से असामाजिक तत्व शांति भंग करने का प्रयास करते हैं। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सतर्कता और सामुदायिक सहयोग आवश्यक है।
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