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    भारत से दुश्मनी महंगी पड़ेगी बांग्लादेश को, दाने-दाने को हो जाएगा मोहताज,सरकार करने जा रही है समझौता रद्द

    भारत से दुश्मनी महंगी पड़ेगी बांग्लादेश को, दाने-दाने को हो जाएगा मोहताज,सरकार करने जा रही है समझौता रद्द








    We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवास्तव 


    नई दिल्ली :- आज कल भारत और बांग्लादेश के बीच में काफी गर्माहट देखने को मिल रहा है. एक तरफ  बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पहले से मंजूर बैंडविड्थ ट्रांजिट समझौते को रद्द कर दिया. तो  भारत भी सख्त कार्रवाई के मूड में दिख  रहा है. अगर भारत ने भी समझौता तोड़ा दिया बांग्लादेश के लोग भूख से मर जाएंगे. क्योंकि भारत से बांग्लादेश को गेहूं, चीनी, चावल, चना से लेकर प्याज, आलू तक करीब 100 तरह की खाद्य सामग्री भेजी जाती है. बताया जा रहा है कि अब भारत सरकार भी करो या मरो के मूड में है. हालांकि भारत के सामने बांग्लादेश  की औकात नै दिख रहा है . लेकिन उसके बावजूद अब मोदी सरकार कड़ा कदम उठाने की सोच रहे है  ..


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    बांग्लादेश रोटी के लिए भी हो जाएगा मोहताज

    दरअसल, बांग्लादेश हर साल भारत से काफी मात्रा में गेहूं आयात करता है. साल 2021-22 की बात करें तो इस साल भारत से बांग्लादेश को निर्यात किए गए गेहूं की कीमत 119.16 करोड़ डॉलर थी. वहीं, 2020-21 में गेहूं निर्यात का यह आंकड़ा 31.03 करोड़ डॉलर था. यानी अगर भारत बांग्लादेश को गेहूं देना बंद कर दे तो वहां के लोगों की थाली से रोटी गायब हो जाएगी. यानी लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे. उनके पास खाने के लिए मांस के अलावा कुछ नहीं बचेगा. इसके अलावा बांग्लादेश भारत से चावल, चीनी आदि भी आयात करता है. अगर भारत इस समझौते को तोड़ता है तो वहां की पीढ़ी भूख से मरने को तैयार हो जाएगी.


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     चावल भी थाली से हो जाएगा गायब

      गेहूं के अलावा बांग्लादेश के लोग चावल के लिए भी तरसेंगे. दरअसल भारत से बांग्लादेश को तीसरी सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली चीज चावल है. साल 2021-22 में बांग्लादेश को कुल 61.39 करोड़ डॉलर का चावल निर्यात किया गया. यानी अगर भारत और बांग्लादेश के बीच हालात बिगड़ते हैं तो इसका असर वहां के लोगों की थाली में मौजूद चावल पर भी पड़ेगा. आपको बता दें कि साल 2021-22 में भारत से बांग्लादेश को करीब 56.59 करोड़ डॉलर की चीनी निर्यात की गई थी. वहीं, 2020-21 में यह आंकड़ा 7.47 करोड़ डॉलर था. इससे साफ है कि अगर भारत बांग्लादेश को चीनी भेजना बंद कर दे तो वहां के लोगों को मिठाई नहीं मिलेगी। 

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