हादसे की भोर: चारमीनार के पास गुलजार हाउस में फैली मौत की लपटें 8 बच्चों समेत 17 की मौत
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🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 ब्यूरो रिपोर्ट
तेलंगाना:- की राजधानी हैदराबाद रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाले हादसे का गवाह बनी। ऐतिहासिक चारमीनार के पास गुलजार हाउस इलाके की एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने 17 जिंदगियां लील लीं। मरने वालों में 8 मासूम बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी मौत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
फायर ब्रिगेड के अनुसार, उन्हें सुबह करीब 6:30 बजे आग लगने की सूचना मिली। जब तक राहत-बचाव कार्य शुरू हुआ, तब तक कई लोग बेहोशी की हालत में पाए गए और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।
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पीड़ित परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 17 शव अस्पताल लाए गए, जिनमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। आग की लपटों में फंसे कई लोग बुरी तरह झुलस गए। घटना के बाद करीब 20 घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
PM नरेंद्र मोदी ने जताया शोक, घोषित किया मुआवजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भयावह हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया:
“हैदराबाद में आग की घटना में जानमाल की क्षति अत्यंत दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से दी जाएगी।
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केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी और स्थानीय नेता पहुंचे मौके पर
केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना भाजपा प्रमुख जी. किशन रेड्डी, राज्य मंत्री पोन्नम प्रभाकर, और AIMIM नेता मुमताज अहमद खान मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायज़ा लिया।
किशन रेड्डी ने कहा:
“घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई है। दमकल विभाग के पास पर्याप्त उपकरण नहीं थे – यह चिंता का विषय है। मैं इस मामले को प्रधानमंत्री के सामने उठाऊंगा।”
कांग्रेस सांसद अनिल कुमार यादव का बयान
कांग्रेस सांसद अनिल कुमार यादव ने जानकारी दी कि आग में एक ही परिवार के 17 सदस्य फंसे थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी पीड़ितों के परिजनों के संपर्क में हैं और चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।
मदद का हाथ: बचाव और राहत कार्य जारी
AIMIM विधायक ने बताया कि शुरुआती जांच में करीब 20 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। CMO तेलंगाना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि घायलों को तत्काल चिकित्सा दी जा रही है और घटनास्थल की गहन जांच जारी है।
कैसे बचा सकते हैं ऐसी त्रासदियों से?
यह हादसा एक बार फिर बिल्डिंग सेफ्टी, फायर फाइटिंग उपकरणों की कमी और शॉर्ट सर्किट जैसी तकनीकी खामियों पर सवाल खड़ा करता है। क्या हमारे शहरों की इमारतें सुरक्षित हैं? क्या फायर डिपार्टमेंट पर्याप्त रूप से तैयार है? यह समय है कि हम केवल शोक न मनाएं, बल्कि सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
भावुक कर देने वाली त्रासदी, जो चेतावनी भी है
हैदराबाद का यह अग्निकांड केवल एक हादसा नहीं, बल्कि चेतावनी है – प्रशासनिक तैयारियों, अवैध निर्माण, और तकनीकी लापरवाही के खिलाफ एक सायरन। मासूम बच्चों की जान गई, परिवार उजड़ गए। इस दर्द को केवल बयान नहीं किया जा सकता – इसे महसूस किया जा सकता है।
हमारी अपील
यदि आप भी इस घटना से दुखी हैं, तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और सरकार से सख्त फायर सेफ्टी नियमों की मांग करें। जागरूकता ही बचाव है।
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