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    "14 घंटे की प्रतीक्षा और धक्का-मुक्की के बाद भी नहीं मिलती मंज़िल – सीतामढ़ी के यात्रियों की अनसुनी पीड़ा"

     


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    🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क

    ✍️ Reporting By Deepak Kumar Senior Journalist |: WeNews24 | Updated : 24 May 2025


    सीतामढ़ी (बिहार) – रेल सुविधाओं की कमी से रोज़ाना हजारों यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर और पाटलिपुत्र (पटना) के लिए यात्री ट्रेन सेवाओं की कमी ऐसी है कि लोगों को 14 घंटे तक की लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इस गंभीर समस्या को उजागर करते हुए केंद्रीय रेलवे रेलयात्री संघ व कैट (CAIT) के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार सुन्दरका ने कहा कि यात्री नियमित ट्रेनें नहीं होने से मजबूरी में महँगे निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं।


    केवल कुछ गिनी-चुनी ट्रेनें और लंबा गैप

    सुन्दरका ने जानकारी दी कि सीतामढ़ी से दोपहर 2:30 बजे 63265 दरभंगा-पाटलिपुत्र मेमू ट्रेन आखिरी ट्रेन होती है जो मुजफ्फरपुर और पाटलिपुत्र तक जाती है। इसके बाद यात्रियों को अगली ट्रेन के लिए सुबह 4:20 बजे तक इंतज़ार करना पड़ता है, जब 15507 पाटलिपुत्र मेमू इंटरसिटी ट्रेन चलती है। इस पूरे अंतराल में कोई अन्य पैसेंजर या इंटरसिटी ट्रेन उपलब्ध नहीं होती, जिससे यात्रियों को गहरी परेशानी होती है।



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    यात्रियों की भीड़, ट्रेनें कम

    सीतामढ़ी से रोज़ाना पढ़ाई, नौकरी, इलाज और जरूरी कार्यों के लिए हज़ारों लोग मुजफ्फरपुर व पटना की यात्रा करते हैं। लेकिन इस रूट पर ट्रेनें बेहद कम हैं –

    1. पटना (पाटलिपुत्र) के लिए: मात्र तीन ट्रेनें
    2. मुजफ्फरपुर के लिए: चार ट्रेनें, जिनमें से अधिकतर सुबह के समय हैं
    3. एक भी सुपरफास्ट ट्रेन नहीं
    4. सप्ताह में तीन दिन चलने वाली सद्भावना एक्सप्रेस, और लिच्छवी एक्सप्रेस ही विकल्प हैं




      कोच की संख्या भी अपर्याप्त

      सुन्दरका ने यह भी बताया कि जो ट्रेनें चल रही हैं, उनमें यात्रियों के अनुपात में कोच की संख्या बहुत कम है। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुँचती है, भारी भीड़ के कारण कुछ ही पलों में भर जाती है। वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और छोटे बच्चे अक्सर धक्का-मुक्की से परेशान होकर यात्रा छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।



      यात्रियों को महंगे किराये पर जाना पड़ता है

      कैट के सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ट्रेनें नहीं चलने से यात्रियों को प्राइवेट टैक्सी, बस या अन्य व्हीकल से यात्रा करनी पड़ती है, जिससे उन्हें ज्यादा किराया देना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार माँग के बावजूद कोई भी ट्रेन सीधा पटना जंक्शन नहीं जाती, जिससे पाटलिपुत्र से पटना पहुँचने में अतिरिक्त दो घंटे का समय बर्बाद होता है।



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      यात्रियों की माँगें:

      1. सीतामढ़ी से पटना और मुजफ्फरपुर के लिए अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन

      2. मौजूदा ट्रेनों में कोच की संख्या में वृद्धि

      3. कुछ ट्रेनों को सीधे पटना जंक्शन तक विस्तारित किया जाए

      4. एक सुपरफास्ट ट्रेन की शुरुआत इस रूट पर की जाए


      रेल प्रशासन को चाहिए कि वह जनता की इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान दे और आवश्यक कदम उठाए। सीतामढ़ी जैसे ज़िले में, जहाँ से रोज़ाना हजारों लोग यात्रा करते हैं, वहाँ ट्रेन सेवाओं की इतनी भारी कमी कहीं से भी न्यायसंगत नहीं कही जा सकती।

      यह सिर्फ़ एक यातायात की नहीं, बल्कि आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी एक ज़रूरी ज़िंदगी की मांग है।

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