सोशल मीडिया की अफवाहों पर वायुसेना का करारा जवाब: "किराना हिल्स में कोई हमला नहीं हुआ"
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✍️ संवाददाता ,अमित मेहलावत — We News 24
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है कि भारत ने पाकिस्तान के किराना हिल्स स्थित कथित परमाणु ठिकाने पर हमला किया है। इन अफवाहों में यहां तक कहा गया कि भारतीय सेना ने ‘लोइटरिंग म्यूनिशन’ और ‘पैनेट्रेटिंग वेपन्स’ के ज़रिए पाकिस्तान के सरगोधा स्थित मुशाफ एयरबेस को भी निशाना बनाया है। लेकिन सोमवार को भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल ए. के. भारती ने इन दावों को पूरी तरह असत्य और भ्रामक करार दिया।
“हमने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया है। वहां जो कुछ भी है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं। हमें यह भी नहीं पता था कि वहां कोई न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन है,”
किराना हिल्स आखिर है क्या?
किराना हिल्स पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा ज़िले में स्थित एक पहाड़ी इलाका है, जो वहां के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है। स्थानीय लोग इसे "ब्लैक माउंटेन्स" के नाम से जानते हैं, क्योंकि यह इलाका काफी हद तक पथरीला और भूरी ज़मीन से घिरा हुआ है। यह क्षेत्र रब्वा कस्बे और सरगोधा शहर के बीच फैला हुआ है और वर्षों से इसे सुरक्षित सैन्य क्षेत्र माना जाता रहा है।
सोशल मीडिया कैसे बनता है झूठ का अड्डा?
वर्तमान दौर में जब हर व्यक्ति एक ‘मोबाइल रिपोर्टर’ बन चुका है, ऐसे में सोशल मीडिया अफवाहों का सबसे बड़ा जरिया बनता जा रहा है। किराना हिल्स पर हमले की खबर भी पहले ट्विटर (अब X), फिर यूट्यूब और बाद में व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर वायरल हो गई। कई यूट्यूब चैनलों ने बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के सनसनीखेज थंबनेल के साथ वीडियो अपलोड किए, जो महज क्लिक बटोरने का तरीका था।
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भारत की छवि को पहुंचता है नुकसान
इस तरह की भ्रामक खबरें देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। खासकर तब, जब भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति होने के नाते हमेशा संयम और शांति का संदेश देता आया है। अफवाहों के ज़रिए भारत को आक्रामक या गैर-जिम्मेदार देश के रूप में पेश करने की कोशिशें कहीं न कहीं एक सुनियोजित दुष्प्रचार का हिस्सा हो सकती हैं।
पत्रकारिता की ज़िम्मेदारी
ऐसे समय में जब युद्ध और शांति के बीच की रेखा धुंधली हो रही हो, पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे सूचना की सत्यता को परखें, जांचें और फिर प्रसारित करें। अफवाहों के इस ज़माने में सच्ची पत्रकारिता ही लोगों का भरोसा कायम रख सकती है।
भारतीय वायुसेना का आधिकारिक बयान इस बात का प्रमाण है कि किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं हुआ है। हमें सोशल मीडिया पर उड़ती अफवाहों से सतर्क रहना चाहिए और केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करना चाहिए।
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