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    इजराइल ने गाजा में छेड़ा नया सैन्य अभियान: ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स’ शुरू, हमास ने मांगी दुनिया से मदद

    इजराइल ने गाजा में छेड़ा नया सैन्य अभियान: ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स’ शुरू, हमास ने मांगी दुनिया से मदद


    📅 Updated: 18 मई 2025

    ✍️ By: दीपक कुमार, We News 24


     एक बार फिर जंग के मुहाने पर गाजा: क्या फिर भड़केगा इजराइल-हमास युद्ध?

    मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की आग में झुलसने की कगार पर है। इजराइल ने रविवार को गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ एक नए सैन्य अभियान का एलान कर दिया है। इस ऑपरेशन का नाम है "ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स", जो इजराइली बंधकों की रिहाई को लेकर शुरू किया गया है।


    गौरतलब है कि जनवरी 2025 में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम हुआ था, जिसके तहत हमास को इजराइली नागरिकों को रिहा करना था। लेकिन समझौते के उल्लंघन और बंधकों को न छोड़ने पर इजराइल ने दोबारा सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है।


     इजराइल की रणनीति: ऑपरेशन गिदोन चैरियट्स क्या है?

    इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) द्वारा शुरू किए गए इस नए अभियान का मकसद है:

    गाजा में छिपे बंधकों को छुड़ाना

    हमास पर राजनीतिक और सैन्य दबाव बनाना

    अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाना कि इजराइल अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा

    IDF के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि,"हमारे लोग बंधक हैं और हम हर कीमत पर उन्हें वापस लाएंगे।"


     हमास की अपील: दुनिया हस्तक्षेप करे, नरसंहार रोका जाए

    इजराइल के नए सैन्य अभियान के बाद हमास ने दुनिया भर के देशों से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अरब लीग सम्मेलन में अपील करते हुए कहा कि गाजा पट्टी में नरसंहार को रोका जाए।

    हमास का कहना है कि:

    गाजा में पहले से ही 20 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं

    नया सैन्य अभियान मानवीय संकट को और गहरा करेगा

    युद्धविराम के लिए हमास ने एक नया प्रस्ताव भी रखा है


    अरब लीग शिखर सम्मेलन के बीच गूंजा युद्ध का शोर

    इराक की राजधानी बगदाद में चल रहे 34वें अरब लीग शिखर सम्मेलन के दौरान इजराइल की यह घोषणा चर्चा का बड़ा विषय बन गई है। कई देशों ने गाजा में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता जताई है और तत्काल संघर्षविराम की मांग की है।


     क्या होगा असर?

     मानवीय संकट गहरा सकता है:

    गाजा में पहले ही सीमित भोजन, पानी और दवाइयों की किल्लत है। नए सैन्य हमलों से नागरिकों की स्थिति और भी दयनीय हो सकती है।


     राजनीतिक दबाव बढ़ेगा:

    इजराइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा जबकि हमास को भी कूटनीतिक समर्थन जुटाने में मुश्किल आ सकती है।


    युद्धविराम की संभावनाएं क्षीण:

    दोनों पक्षों की जिद के चलते स्थाई युद्धविराम की उम्मीदें फिलहाल धुंधली नजर आ रही हैं।


    इजराइल और हमास के बीच जारी यह टकराव फिर से वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। जहां एक ओर इजराइल अपने नागरिकों की रिहाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता, वहीं हमास अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या अरब लीग और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन इस संघर्ष में कोई निर्णायक हस्तक्षेप कर पाएंगे?


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