परिसीमन सुधार के बिना नहीं रुकेगा आंदोलन: राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष मदन चौधरी का ऐलान
📍सीतामढ़ी, बिहार | अपडेट: 17 मई 2025
✍ रिपोर्ट : असफाक खान | 🔖 श्रेणी: संविधान, राजनीति, बिहार
सीतामढ़ी, — राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी ने स्पष्ट किया है कि उनका संगठन संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और परिसीमन सुधार के संकल्प को पूरा करने के बिना पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 1971 के बाद से जनसंख्या आधारित परिसीमन नहीं किया गया है, जबकि 2026 में इस प्रक्रिया का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
मदन चौधरी सोमवार को जिला मुख्यालय डुमरा में रालोमा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेंद्र कुमार के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष चंद्रिका पासवान और मोहम्मद संजीर अलम मंसूरी ने भी संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 170 के तहत राज्यों में विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा और संख्या तय करने का अधिकार होता है। इसी आधार पर, 1951, 1961 और 1971 के जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर ही लोकसभा की सीटों का निर्धारण किया गया था। परिसीमन का मुख्य उद्देश्य है कि लोकसभा और विधानसभा सीटें आबादी के अनुसार तय हों।
उन्होंने बताया कि 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस प्रक्रिया को 25 वर्षों के लिए रोक दिया। उस समय देश में आपातकाल लागू था, और इसी का फायदा उठाकर संविधान संशोधन के जरिए परिसीमन को स्थगित कर दिया गया। बाद में, 2001 में यह अवधि और बढ़ा दी गई। अब यह कार्यकाल 2026 में समाप्त होने जा रहा है।
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2009 में किए गए परिसीमन में लोकसभा सीटें स्थिर रखी गईं, लेकिन निर्वाचन क्षेत्रों को आबादी के अनुसार संतुलित किया गया। नरेंद्र कुमार मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता, ने कहा कि वर्तमान आबादी के आधार पर परिसीमन नहीं होने के कारण बिहार समेत देश के कई हिस्से इस अधिकार से वंचित हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए, पार्टी ने 8 जून को तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर साइंस कॉलेज में "संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली" का आयोजन तय किया है। इस रैली में सीतामढ़ी से करीब 10,000 लोग भाग लेंगे। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा दर्जनों अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे।
यह आंदोलन देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने और जनसंख्या के आधार पर उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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