सीतामढ़ी में दर्दनाक सड़क हादसा: पिकअप वैन पलटी, दो की मौत, दर्जनों घायल
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डिजिटल डेस्क, सीतामढ़ी | संवाददाता: पवन साह दिनांक:15 मई 2025
स्टेट हाईवे 87 पर बड़ा हादसा, नेपाल जा रहे श्रद्धालुओं की गाड़ी पलटी
बिहार के सीतामढ़ी जिले के परिहार थाना क्षेत्र अंतर्गत बराही सहराम गांव के पास सोमवार सुबह एक पिकअप वैन पलट गई। इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और मौके पर चीख-पुकार सुनाई दी।
मृतकों की पहचान
घटना में जिन दो लोगों की मौके पर मौत हुई, उनकी पहचान इस प्रकार हुई है:
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जीरण देवी (60 वर्ष) — पत्नी देवन राय, निवासी: नोनाही गांव, वार्ड 8
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गौरी शंकर यादव (28 वर्ष) — पुत्र मोहित राय, निवासी: नोनाही गांव, वार्ड 8
इसके अलावा, वीर राय चौकीदार की 15 वर्षीया पुत्री सुमन कुमारी गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है।
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पिकअप में क्या ले जाया जा रहा था?
पिकअप वैन में 20–25 लोग सवार थे, जो सभी नेपाल के महोतरी जिले, परौल स्थान किसी धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य से जा रहे थे। साथ में बर्तन, चावल और एक बकरा भी ले जाया जा रहा था।
🏥 घायल अस्पताल में भर्ती
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सभी घायलों को पहले सुरसंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया
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प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया
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कई की हालत गंभीर बनी हुई है
👮♂️ प्रशासन की तत्परता
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई:
- सुरसंड थाना अध्यक्ष धनंजय कुमार पांडे
- पीएसआई राजीव कुमार
- परिहार थाना अध्यक्ष राजवीर गौतम
- सहायक अवर निरीक्षक बसंत राज
पुलिस अधिकारियों ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया और मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दुर्घटनाग्रस्त पिकअप वैन को जब्त कर लिया गया है।
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दुर्घटना के संभावित कारण
हालांकि घटना की विस्तृत जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार:
- वैन में क्षमता से अधिक लोग और सामान लदा हुआ था
- सड़क पर असंतुलन के कारण गाड़ी पलट गई
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है। जरूरत है कि ओवरलोडिंग और असुरक्षित यात्रा पर रोक लगे और स्थानीय प्रशासन सख्ती से निगरानी करे। सीतामढ़ी में हुए इन दोनों हादसों ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब तक सड़क सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा, तब तक हर दिन कोई चंदन, कोई जीरण देवी, कोई सुमन... सड़क पर बिखरते रहेंगे।हर दिन हो रहे हादसे सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि टूटते परिवारों की कहानियां हैं। क्या तेज़ रफ्तार, ओवरलोडिंग और नियमों की अनदेखी का कोई अंत होगा?
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