दिल्ली में आपातकालीन लोकतंत्र सेनानियों को भी मिलेगा सम्मान? रेखा गुप्ता ने दिए संकेत, जल्द मिल सकती है सम्मान निधि
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🆆🅴🅽🅴🆆🆂 24 डिजिटल डेस्क Update :28 May 2025
नई दिल्ली | We News 24 दिल्ली में अब आपातकाल के दौर में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाने वाले सेनानियों को भी आर्थिक सहयोग और सम्मान मिलने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान इसके स्पष्ट संकेत दिए।
कार्यक्रम का आयोजन 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी की नियुक्ति पत्र देने के लिए किया गया था। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानियों को लेकर कहा,
“देश में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाने वाले हजारों लोगों को पहले की सरकारों ने कभी भी सही मायनों में सम्मान नहीं दिया। अब दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद हमारी सरकार इस अन्याय को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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क्या है लोकतंत्र सेनानी योजना?
आपातकाल (1975–77) के दौरान मीसा एक्ट और डीआईआर के तहत जेल जाने वाले लोगों को “लोकतंत्र सेनानी” कहा जाता है। कई राज्य सरकारें इन्हें “सम्मान निधि” या मासिक पेंशन देती हैं।
किन राज्यों में मिल रही है पेंशन?
ओडिशा: जनवरी 2025 में लोकतंत्र सेनानियों को ₹20,000 मासिक पेंशन देने की घोषणा
राजस्थान और छत्तीसगढ़: मार्च 2025 में विधानसभा से पेंशन विधेयक पारित
हरियाणा: फरवरी में पेंशन बढ़ाकर ₹20,000 प्रति माह की गई
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार: पहले से पेंशन योजना लागू
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दिल्ली अबतक क्यों पीछे रह गई?
दिल्ली में साल 2014 में “लोकतंत्र सेनानी संघ” का गठन हुआ था। संघ के महामंत्री राजकुमार सपरा के मुताबिक,
“हमने पहले की सरकारों को भी सम्मान निधि देने का प्रस्ताव सौंपा था, लेकिन केवल आश्वासन मिले। अब जब भाजपा की सरकार बनी है, तो हमें पूरा भरोसा है कि दिल्ली सरकार भी अन्य राज्यों की तर्ज पर हमें सम्मान देगी।”
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में अहम होगा और इससे पार्टी की छवि मजबूत होगी, विशेषकर उन बुजुर्ग कार्यकर्ताओं में जो अब तक उपेक्षा के शिकार रहे हैं।
निष्कर्ष:
लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान और सहायता देने का रास्ता अब दिल्ली में भी खुलता दिख रहा है। अगर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का संकेत नीति में बदलता है, तो दिल्ली उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगी, जहां लोकतंत्र के सच्चे रक्षकों को उनका हक मिलता है।
लेखक: दीपक कुमार, We News 24
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