दिल्ली के छतरपुर में खुलेआम हो रहे हैं अवैध जल कनेक्शन; जल बोर्ड और पुलिस प्रशासन मौन!
✍�लेखक: दीपक कुमार, वरिष्ठ पत्रकार | We News 24
नई दिल्ली – राजधानी के छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित रामलीला चौक से छोटी मस्जिद वाली गली एक भयानक जल संकट और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बन चुकी है। यहां खुलेआम पानी की चोरी, अवैध जल कनेक्शन और सरकारी विभागों की चुप्पी से न सिर्फ आम जनता त्रस्त है, बल्कि यह स्थिति कानून-व्यवस्था और शासन पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।
💧 कैसे हो रही है जल माफिया की खुली लूट?
इस गली में बने अवैध फ्लैट्स में 6–7 अवैध जल कनेक्शन एक ही इमारत में लगाए गए हैं। कई वैध मकानों में भी 2 से अधिक कनेक्शन लगाकर दिल्ली जल बोर्ड की नीतियों का उल्लंघन किया गया है।
जलबोर्ड से शिकायत आवेदन |
स्थानीय लोग:
- जल बोर्ड के JE और AE को बार-बार शिकायत दे चुके हैं
- पुलिस थानों में लिखित निवेदन दे चुके हैं
- PCR (112) पर कई बार कॉल कर चुके हैं
PCR कॉल 23 जुन और 29 जून |
लेकिन नतीजा? 👉 कोई कार्रवाई नहीं। 👉 गाड़ी आती है, आरोपी से बात कर चली जाती है।
अगर पुलिस, जल बोर्ड और MCD तीनों आंखें मूंद लें, तो फिर जनता किसके पास जाए? यह न सिर्फ़ पानी की लूट है, बल्कि लोकतंत्र और भरोसे की भी हत्या है।
🧱 अवैध फ्लैट्स = अवैध कनेक्शन = जनता का हक छीना गया
यह इलाका लाल डोरा क्षेत्र में आता है, जहां बहुमंज़िला फ्लैट बनाना पूरी तरह अवैध है। इसके बावजूद:
- बिल्डर खुलेआम बहुमंज़िला फ्लैट बना रहे हैं
- पाइपलाइन काटकर अवैध कनेक्शन जोड़ रहे हैं
- सरकारी पानी का दुरुपयोग हो रहा है
सबसे बड़ा सवाल:
जब फ्लैट ही अवैध हैं, तो उन्हें बिजली और पानी के वैध कनेक्शन कैसे दिए गए?
इन अवैध फ्लैट्स में रहने वाले लोग:
- पाइपलाइन काटकर अवैध कनेक्शन जोड़ते हैं
- आम नागरिकों के वैध जल आपूर्ति को प्रभावित करते हैं
- सरकारी जल स्रोत का दुरुपयोग कर रहे हैं
- क्या यह सब बिना MCD, जल बोर्ड और पुलिस की मिलीभगत के मुमकिन है?
💰 भ्रष्टाचार की गली में लोकतंत्र की चीख
इन अवैध कनेक्शनों और निर्माणों के पीछे:
- MCD की चुप्पी
- जल बोर्ड की निष्क्रियता
- और पुलिस की मूक सहमति
यह इशारा करता है कि भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और मिलीभगत के बिना यह सब संभव नहीं। आज अगर कोई आम नागरिक 1 फीट पाइप भी जोड़े तो उसे नोटिस भेजा जाता है, पर बिल्डरों पर कोई हाथ नहीं डालता।
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😡 लोगो की दबंगई: धमकी, गाली-गलौज और महिलाओं की आड़
जब भी स्थानीय निवासी अवैध पानी कनेक्शन या निर्माण का विरोध करते हैं, बिल्डर और उनके गुर्गे फ्लेट खरीदने वाले लोग न सिर्फ गाली-गलौज करते हैं, बल्कि खुलेआम मारपीट की धमकियाँ भी देते हैं।
यह कोई मामूली विवाद नहीं, बल्कि एक संगठित गुंडागर्दी और राजनीतिक संरक्षण गुंडातंत्र का प्रमाण है — जो नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रहा है। ये सब प्रशासनिक मौन और में हो रहा है।
क्या दिल्ली अब "अवैध निर्माण + गुंडागर्दी + सरकारी चुप्पी" का नया चेहरा बन रही है?
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🚫 जब सिस्टम ही सो रहा हो, तो न्याय कहाँ मिलेगा?
- जल बोर्ड का J.E./A.E. शिकायत तो सुनते हैं, लेकिन निरीक्षण नहीं करते
- PCR गाड़ी आती है, लेकिन केस दर्ज नहीं होता
- MCD अधिकारी जानते हैं कि फ्लैट अवैध हैं, लेकिन आंखें मूंदे हुए हैं
जनता हज़ारों रुपये में निजी टैंकर खरीदने पर मजबूर है।
क्या यही है "दिल्ली मॉडल"? क्या यही है "सुशासन"?
🚨 जब पीसीआर गाड़ी न्याय नहीं, पक्षपात लेकर आती है
112 पर कॉल करने पर PCR आती तो है, लेकिन कई बार:
- पीड़ित की बात नहीं सुनती
- आरोपी के पक्ष में खड़ी दिखती है
- बिना FIR या कार्रवाई के लौट जाती है
यह पुलिस-प्रशासन और बिल्डर माफिया के गठजोड़ की ओर साफ इशारा करता है।
जब पुलिस ही दबाव के साथ खड़ी हो जाए, तो आम आदमी के पास न्याय की कोई उम्मीद नहीं बचती।
📢 अब सवाल जनता का है – कब जागेगा प्रशासन?
सरकार को तत्काल:
- जल बोर्ड तत्काल सर्वे अभियान चलाए
- सभी अवैध कनेक्शन काटे जाएं
- अवैध कनेक्शन और फ्लैट निर्माणों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए
- बिल्डरों पर IPC की धाराओं में केस दर्ज होने चाहिए
- आम जनता के जल अधिकार की रक्षा होनी चाहिए
🔚 यह सिर्फ छत्तरपुर नहीं, पूरे दिल्ली की सच्चाई है
दिल्ली के कई इलाकों में यही कहानी दोहराई जा रही है — बिल्डर माफिया, भ्रष्ट विभाग, और गूंगी पुलिस की तिकड़ी आम आदमी के अधिकारों को रौंद रही है।
यह रिपोर्ट सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — अगर व्यवस्था नहीं जागी, तो दिल्ली प्यास से जलेगी।
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