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    “ दिल्ली छत्तरपुर की जनता प्यास से बेहाल,जल मंत्री प्रवेश वर्मा का दौरा—वादे बहुत, पानी अब भी नहीं”

    “ दिल्ली छत्तरपुर की जनता प्यास से बेहाल,जल  मंत्री प्रवेश वर्मा का दौरा—वादे बहुत, पानी अब भी नहीं”




    नई दिल्ली — 27 जून 2025 को दिल्ली सरकार के PWD और जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान स्थानीय विधायक करतार सिंह तंवर उनके साथ मौजूद रहे। दौरे का उद्देश्य था—छेत्र में ट्रैफिक जाम, पेयजल की कमी, सीवर और सफाई व्यवस्था जैसी बुनियादी समस्याओं का जायज़ा लेना और उनके समाधान की दिशा में कदम उठाना। लेकिन सवाल ये उठता है: क्या ये दौरा वास्तव में बदलाव लाएगा, या ये भी सिर्फ एक राजनीतिक औपचारिकता बनकर रह जाएगा?


    दौरे का विवरण — मंत्री कहाँ-कहाँ गए:

    1. प्रातः 10:45 बजे: 100 फुटा रोड, छत्तरपुर

    1. प्रातः 11:00 बजे: CDR चौक, छत्तरपुर

    2. प्रातः 11:15 बजे: गदाईपुर गाँव

    3. दोपहर 12:00 बजे: गौशाला रोड, सतबड़ी

    4. दोपहर 12:15 बजे: मंदिर मैदान, गढ़ी गाँव

    5. दोपहर 12:30 बजे: चौपाल, नेब सराय गाँव





    मुख्य मुद्दे और प्रस्तावित समाधान:

    पेयजल संकट और समाधान की योजना:
    विधायक करतार सिंह तंवर ने मंत्री को अवगत कराया कि छत्तरपुर में 80 एमजीडी क्षमता वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सतबड़ी के गौशाला रोड की 55 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है।

    1. छत्तरपुर की कुल मांग 15 एमजीडी है। शेष 65 एमजीडी पानी दिल्ली के अन्य क्षेत्रों को भेजा जाएगा।

    1. यह भी बताया गया कि दिल्ली में तीन नए WTP बनाए जाएंगे और पानी की आपूर्ति उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश से की जाएगी।

    2. 85 ट्यूबवेल स्वीकृत किए जा चुके हैं, और मंत्री वर्मा ने आश्वासन दिया कि पानी की आपूर्ति जल्द सुधरेगी।

    ट्रैफिक और सड़क विकास:

    1. 100 फुटा रोड से DLF तक एलिवेटेड रोड निर्माण प्रस्तावित है।
    2. मांडी रोड को NHAI को हस्तांतरित कर चौड़ा और सुदृढ़ करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


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    सीवर और सफाई व्यवस्था:

    1. मंत्री ने कहा कि PWD द्वारा 70% नालों की सफाई हो चुकी है।

    1. 1400 किमी नालों की सफाई का लक्ष्य रखा गया है।

    2. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध जल कनेक्शन और नालों में जलप्रवाह की कमी के कारण सफाई बेअसर है।

    अवैध निर्माण और पानी की चोरी:

    1. छत्तरपुर का बड़ा हिस्सा लालडोरा क्षेत्र में आता है, जहाँ कमर्शियल निर्माण अनुमति के बिना गैरकानूनी है। फिर भी मॉल, शोरूम और बहुमंजिला बिल्डिंगों का निर्माण तेजी से हो रहा है।

    1. रामलीला चौक से छोटी मस्जिद वाली गली में एक बिल्डर के पास 8-9 अवैध जल कनेक्शन हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को पानी नहीं मिल पाता।

    2. जल बोर्ड में दर्ज शिकायतें कागज़ों तक ही सीमित रह जाती हैं—कार्यवाही न के बराबर होती है।

    3. टैंकर माफिया की चांदी है, आम जनता की जेब ढीली।

    4. जल बोर्ड में शिकायत दर्ज होती है, लेकिन पानी नहीं आता।

    5. रामलीला चौक, राजपुर, आयानगर, गदाईपुर—हर जगह टैंकर के भरोसे ज़िंदगी।

    6. अवैध फ्लैटों में 8-10 पानी कनेक्शन, लेकिन पुराने मकानों में एक बूंद भी नहीं।


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    टैंकर संकट और सवाल:

    1. छत्तरपुर जल बोर्ड के पास लगभग 63 टैंकर हैं। लेकिन सवाल यह है कि यह पानी किसे मिलता है?

    1. कई इलाकों में 12 लोगों पर एक टैंकर दिया जाता है, जो अपर्याप्त है।

    2. आम लोग लगातार टैंकर खरीदने को मजबूर हैं, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।

    शहरी बनाम ग्रामीण भ्रम:

    1. विधायक के अनुसार, छत्तरपुर विधानसभा में 19 गाँव हैं और केवल अनुपम अपार्टमेंट शहरी क्षेत्र में आता है। लेकिन 100 फुटा रोड पर मॉल और कॉमर्शियल इमारतों की भरमार इसे शहरी क्षेत्र के समान बनाती है। प्रशासन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ये क्षेत्र ग्रामीण हैं या शहरी, ताकि नियमों की पारदर्शी व्याख्या हो सके।

    कानून की धज्जियाँ और अधिकारियों की चुप्पी

    छत्तरपुर का लालडोरा इलाका, जहां पर बिना अनुमति के मॉल, शोरूम, बहुमंजिला फ्लैट बनाए जा रहे हैं। जल बोर्ड का पानी, जो जनता का हक है, वहीं पानी बिल्डरों के निजी मुनाफे में जा रहा है।
    शिकायत करो तो अधिकारी फोन नहीं उठाते, साइट पर नहीं आते, और ना कोई कनेक्शन काटे जाते हैं।


    जनता का आक्रोश और अविश्वास:

    1. वर्षों से छत्तरपुर की जनता वादों पर भरोसा कर रही है, लेकिन नतीजा नगण्य रहा है।

    1. दिल्ली कांग्रेस ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि सिर्फ 60.47% नालों की सफाई हुई है, जबकि दावे बड़े किए गए थे।

    2. जल बोर्ड की शिकायत प्रणाली धीमी और अप्रभावी है। अवैध कनेक्शन पर कार्रवाई नहीं होती।


    जनता पूछ रही है...

    1. क्या छत्तरपुर सिर्फ चुनावी मुद्दा है?
    2. क्या ग्रामीण कहे जाने वाले इस क्षेत्र में शहरी अत्याचार हो रहा है?
    3. क्या VIP इलाकों के आगे छत्तरपुर का कोई वजूद नहीं?
    4. क्या पानी की सप्लाई बिल्डरों के लिए आरक्षित है?


    निष्कर्ष:
    मंत्री और विधायक ने कई योजनाएं प्रस्तुत कीं—जैसे WTP, एलिवेटेड रोड, सफाई अभियान—लेकिन जब तक अवैध कनेक्शन पर कार्रवाई, टैंकर वितरण में पारदर्शिता, और जल बोर्ड की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक जनता को वास्तविक राहत नहीं मिलेगी।

    सरकार को चाहिए कि वह अविलंब इन योजनाओं को धरातल पर उतारे, और जनता को उसका अधिकार—पानी, साफ सड़कें और स्वच्छता—प्रदान करे। अन्यथा यह दौरा भी सिर्फ फोटो खिंचवाने और वादों की खानापूर्ति बनकर रह जाएगा।


    📣 WeNews24 की अपील:

    हम सरकार से मांग करते हैं कि:

    1. छत्तरपुर में अवैध जल कनेक्शन की जांच और कटौती की जाए।

    2. पानी वितरण को पारदर्शी और ट्रैकिंग बेस्ड बनाया जाए।

    3. सीवर, सड़क और सफाई व्यवस्था पर फौरन काम हो।

    4. जनता की शिकायतों पर डिजिटल पोर्टल और रिपोर्टिंग सिस्टम बने।

    5. बिल्डर लॉबी पर कार्रवाई हो, न कि आंख मूंद ली जाए।

    क्या आपको लगता है कि इस बार कुछ बदलेगा? नीचे कमेंट में अपनी राय साझा करें।

    📢 We News 24

    ✍️ वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार की निष्पक्ष ग्राउंड रिपोर्ट 


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