पटना की सड़कों पर मानसून का कहर: राजीवनगर में धंसी सड़क, नमामि गंगे प्रोजेक्ट बना सिरदर्द
WE News 24 | पटना विशेष रिपोर्ट ,अमिताभ मिश्रा
पटना: - बिहार की राजधानी पटना में जैसे ही मानसून की बारिश शुरू हुई, वैसे ही शहर की सड़कों की हालत बदतर हो गई है। शनिवार को रुक-रुक कर दिनभर हुई वर्षा के कारण कई इलाके कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो गए हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति राजीवनगर इलाके में देखी गई, जहां एक सड़क रात के अंधेरे में धंस गई।
यह वही सड़क है जिस पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत नाला निर्माण का कार्य किया गया था। लेकिन खराब निर्माण, लापरवाही और समय पर मरम्मत न होने के कारण अब यह रास्ता आम नागरिकों के लिए खतरे का संकेत बन गया है।
💥 राजीवनगर की सड़क अचानक धंसी, राहगीर बाल-बाल बचे
शनिवार की रात जब लोग अपने घरों को लौट रहे थे, तभी राजीवनगर नाले के पास की सड़क अचानक धंस गई। सौभाग्यवश, उस समय कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई और राहगीर समय रहते बच निकले। लेकिन सवाल यह है कि अगर समय पर मरम्मत कर दी जाती, तो क्या यह स्थिति आती?
स्थानीय लोगों की मानें तो पहले यह सड़क अच्छी हालत में थी, लेकिन नमामि गंगे प्रोजेक्ट के काम के बाद से इसकी दुर्दशा शुरू हो गई।
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🏗️ नमामि गंगे प्रोजेक्ट: विकास या विपत्ति?
नमामि गंगे प्रोजेक्ट एक राष्ट्रीय महत्व की योजना है, जिसका उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाना है। लेकिन पटना में इसका कार्य बुडको (BUDCO) के तहत हो रहा था और अब इस सड़क की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग को सौंप दी गई है।
दुर्भाग्यवश, पथ निर्माण विभाग की ओर से इस सड़क की मरम्मत को लेकर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। नतीजा—सड़क की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है और स्थानीय निवासियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
🌧️ बरसात में उफनता नाला, बन सकती है जानलेवा स्थिति
बरसात के दिनों में राजीवनगर नाला उफनने लगता है, जिससे आस-पास की सड़कों पर पानी भर जाता है। ऐसे में यदि सड़कें पहले से धंसी हुई हों, तो किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि समय रहते सतर्कता नहीं बरती गई, तो आने वाले दिनों में यह नाला और सड़क मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
📣 स्थानीय प्रशासन और विभागों की चुप्पी
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग इस गंभीर स्थिति पर मौन हैं। सड़क की हालत लगातार खराब हो रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। लोग रोज़ाना इस सड़क से गुजरते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
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✅ अब भी वक्त है…
पटना जैसे महानगर में यदि मानसून के पहले सप्ताह में ही सड़कें धंसने लगें, तो यह केवल विकास कार्यों की पोल ही नहीं खोलता, बल्कि आने वाले समय के लिए सावधान करने वाला संकेत भी है।
WE News 24 की अपील है कि संबंधित विभाग तत्काल कार्रवाई करें ताकि कोई बड़ा हादसा न हो और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
📌 डिस्क्लेमर:
यह लेख स्थानीय रिपोर्ट्स, नागरिकों की जानकारी और समाचार स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है। WE News 24 इसका उद्देश्य केवल जनहित में सूचना देना है।
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📢 रिपोर्ट: वी न्यूज 24
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