AAP का BJP पर तीखा हमला: दिल्ली में बीजेपी सरकार नहीं, फुलेरा की पंचायत चला रही है – सौरभ भारद्वाज
✍️ We News 24 डेस्क | रिपोर्ट: गौतम कुमार
📍स्थान: नई दिल्ली | 🗓️ तारीख: 01 जुलाई 2025
नई दिल्ली — आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में भाजपा सरकार के कुछ हालिया फैसलों पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन्हें "अव्यवहारिक, दिखावटी और जनता को परेशान करने वाला" बताया है। पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली की मौजूदा सरकार किसी राज्य की नहीं, बल्कि “फुलेरा की पंचायत” की तरह काम कर रही है।
🚘 पुरानी गाड़ियों पर फैसला ‘संवेदनहीन’ – आप
भारद्वाज ने कहा कि 1 जुलाई से पुराने वाहनों को पेट्रोल पंपों पर जब्त करने का जो फैसला भाजपा सरकार ने लिया है, वो जनता और कर्मचारियों को आमने-सामने खड़ा कर देगा।
“इससे सिर्फ झगड़े होंगे, व्यवस्था नहीं सुधरेगी।”
पेट्रोल पंप मालिकों की एसोसिएशन ने भी इसे अव्यवहारिक नीति करार दिया है।
🌧️ बारिश में कृत्रिम बारिश! ये कैसा पायलट प्रोजेक्ट?
दिल्ली में जारी मानसून के बीच ‘कृत्रिम वर्षा’ (Artificial Rain) की योजना को लेकर भी आप ने भाजपा सरकार को घेरा। सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए पूछा—
“जब पहले से बारिश हो रही है, तो कृत्रिम वर्षा का पायलट प्रोजेक्ट क्यों? क्या इस फैसले को कोई पढ़ा-लिखा अफसर भी समर्थन देगा?”
उन्होंने इसे “फुलेरा की पंचायत से भी नीचे स्तर का प्रशासनिक निर्णय” बताया।
🗣️ “BJP सिर्फ केजरीवाल को गालियां देगी” – आप
आप नेता ने कहा कि भाजपा के पास काम करने की न नीयत है, न नीति।
“इनका पूरा पांच साल का एजेंडा केवल केजरीवाल को गाली देना होगा। काम नहीं करेंगे, बहाने बनाएंगे।”
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कभी पिछली सरकारों को दोष नहीं दिया, बल्कि हर परिस्थिति में जनादेश का सम्मान कर जनता के लिए काम किया।
⚖️ आईएएस एसोसिएशन और अफसरशाही पर भी उठाए सवाल
उड़ीसा में एक IAS अधिकारी से मारपीट का वीडियो वायरल होने पर भारद्वाज ने पूछा—
“जब दिल्ली में अंशु प्रकाश का मामला हुआ था, तब आईएएस एसोसिएशन और भाजपा आसमान सिर पर उठा लिए थे। अब चुप क्यों हैं?”
उन्होंने कहा कि जब भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने एक IPS अधिकारी का कॉलर पकड़ा, तब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
“क्या IAS-IPS संगठन अब भाजपा की शाखाएं बन चुकी हैं? क्या ये अफसरशाही अब राजनीतिक मोहरा बन चुकी है?”
🎯 We News 24 की नजर में:
यह बयानबाजी केवल विरोध की राजनीति नहीं, बल्कि एक गहरी प्रशासनिक विफलता की ओर इशारा कर रही है। दिल्ली की जनता को चाहिए कि वह सिर्फ घोषणाओं पर नहीं, नीति और क्रियान्वयन की गुणवत्ता पर ध्यान दे।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद