🏛️ बिहटा की ‘नगर परिषद’ अब ‘नर्क परिषद’ बन चुकी है! जनता बोले: अगला चुनाव तय करेगा भ्रष्टाचार का अंत
🚨 कमीशनखोरी, बदहाल व्यवस्था और जवाबदेही का घोर अभाव — क्या नगर परिषद चुनाव में बदलेगा बिहटा का भाग्य?
बिहटा संवाददाता,कलीम की रिपोर्ट
यह कथन कोई भावुकतावश नहीं, बल्कि बिहटा की जमीनी सच्चाई को दर्शाता है। टूटी सड़कें, बहते नाले, डूबी हुई गलियां और न उठने वाला कूड़ा — यही है बिहटा नगर परिषद की कार्यप्रणाली का चेहरा।
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💰 कमिशन का खेल: हर टेंडर, हर योजना में बंटवारा पहले तय
📉 जन सुविधाओं का हाल: नालियों में बहता विकास, सड़कों में गड्ढे नहीं, गड्ढों में सड़क
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जलनिकासी: बारिश के समय पूरा शहर तालाब में बदल जाता है, नालियों की सफाई वर्षों से नहीं हुई।
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स्वास्थ्य और सफाई: डेंगू-मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है, लेकिन परिषद द्वारा कोई फॉगिंग नहीं।
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सड़कें और स्ट्रीट लाइट: सड़कों में गड्ढे और गलियों में अंधेरा, जिससे रात को चलना मुश्किल।
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कूड़ा प्रबंधन: हर गली में कचरे का ढेर, परिषद के पास कोई ठोस रणनीति नहीं।
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📣 जनता का फूटा ग़ुस्सा: “अबकी बार भ्रष्टाचार मुक्त परिषद चाहिए”
स्थानीय नागरिकों ने We News 24 को बताया —
"जनप्रतिनिधि सिर्फ चापलूसी और कमीशन के लिए बैठे हैं। जनता की आवाज को दबा दिया जाता है। लेकिन अबकी बार हम मतदान से जवाब देंगे।"
🗳️ आगामी नगर परिषद चुनाव: भ्रष्ट नेताओं की कुर्सी हिलने वाली है?
✍️ निष्कर्ष:
अब देखना है —
क्या बिहटा का अगला नगर परिषद चुनाव भ्रष्टाचार की दुकान बंद करने का निर्णायक अवसर बनेगा?या एक बार फिर शहर की सड़कों पर विकास बहता रहेगा, और परिषद में सिर्फ कमीशन गूंजता रहेगा?
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