Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    🩸 सम्पादकीय: लालू राज में ‘जंगलराज’ था तो नीतीश राज में क्या है ये ‘शूटरराज’?

    🩸 सम्पादकीय: लालू राज में ‘जंगलराज’ था तो नीतीश राज में क्या है ये ‘शूटरराज’?


    📍पारस अस्पताल में घुसकर गोलीबारी, सरेआम हत्याएं, शराबबंदी फेल — क्या यही है बिहार का ‘सुसासन’?

    लेखक: दीपक कुमार | We News 24 | दिल्ली / पटना

    पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र स्थित राजाबाजार में स्थित पारस अस्पताल में दिनदहाड़े घुसकर एक मरीज को गोलियों से छलनी कर देना, सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट है।

    बिहार में 2025 का "सुसासन मॉडल" अब शूटरों, शराब माफियाओं और लचर प्रशासनिक तंत्र के हवाले है। सवाल अब यह नहीं है कि जंगलराज लौट आया है या नहीं, सवाल यह है कि क्या लालू के समय से भी ज्यादा साहसिक और बेखौफ अपराध नीतीश के समय में नहीं हो रहे?



    ये भी पढ़े-📚 NCERT की नई किताब में जजिया, नरसंहार और मंदिर विध्वंस जैसे विषयों को मिली जगह, बाबर अकबर और औरंगजेब का स्याह पक्ष उजागर




    🔫 अस्पताल में मर्डर! अब सुरक्षित जगह कौन सी बची है?

    16 जुलाई को अपराधी पटना के पारस अस्पताल में घुसते हैं, और ICU में भर्ती मरीज को तीन-चार गोलियाँ मारकर फरार हो जाते हैं।
    ➡️ ये कोई गैंगवार नहीं, ये सीधा-सीधा संदेश है कि अब अस्पताल भी सुरक्षित नहीं बचे
    ➡️ मरीज के तीमारदार और अस्पताल स्टाफ का कहना है कि कोई सुरक्षा नहीं थी, और पुलिस घटना के 20 मिनट बाद पहुंची।



    ये भी पढ़े- 🚩 भारी बारिश से थमी आस्था की राह: अमरनाथ यात्रा में महिला की मौत अस्थायी रूप से यात्रा स्थगित


    💣 सीतामढ़ी: प्रॉपर्टी डीलर की दिनदहाड़े हत्या

    इसी हफ्ते सीतामढ़ी में वसीम खान उर्फ पुटू खान नामक प्रॉपर्टी डीलर की नृशंस हत्या कर दी गई।
    ➡️ हमलावरों ने सरेआम उसे गोली मारी और फरार हो गए।
    ➡️ पुलिस सिर्फ "जांच कर रही है", जैसा हर केस में होता है।


    🍺 शराबबंदी सिर्फ पोस्टर में: ज़मीन पर शराब का जलजला

    2016 में लागू हुई शराबबंदी आज सिर्फ काग़ज़ी कानून बनकर रह गई है:

    • बिहार राज्य मद्य निषेध विभाग के अनुसार, 2024 में बिहार में 9.87 लाख लीटर शराब जब्त हुई।

    • 1.3 लाख से ज़्यादा केस दर्ज हुए, फिर भी 60% शराब धंधा बेखौफ जारी है

    • शराब अब घरों में बन रही है, पुलिस की मिलीभगत से गांवों से लेकर शहरों तक डिलीवरी हो रही है।

    ➡️ सवाल ये है कि जब जिन्हें लागू कराना है, वही हिस्सेदार बन जाएं, तो कानून किसका?


    ये भी पढ़े-⚖️ 15 दिन से फ्रीजर में रखे बेटे के शव को दोबारा पोस्टमार्टम का आदेश: हाईकोर्ट ने कहा, न्याय से समझौता नहीं |


    📊 बिहार में बढ़ते अपराध के आंकड़े (2024-2025)

    अपराध का प्रकार                   मामले (2024)टिप्पणी
    हत्या                   3,872            हर दिन औसतन 10 से ज्यादा हत्याएं
    लूट                   7,410            बढ़ते आपराधिक गैंग की पहचान
    दुष्कर्म                  1,937           महिलाओं के लिए असुरक्षा बढ़ी
    अपहरण                  8,960           फिरौती, दुश्मनी दोनों कारण
    शराब तस्करी के मामले                 1.3 लाख+           बावजूद सख्त कानून

    (स्रोत: बिहार पुलिस अपराध रिपोर्ट 2024)

    🧠 नीतीश मॉडल की सच्चाई: क्या अब समय नहीं कि इसे भी सवालों के कटघरे में लाया जाए?

    एक समय था जब लालू यादव के शासन को लेकर “जंगलराज” शब्द गूंजा करता था।
    लेकिन नीतीश कुमार के 18 वर्षों के शासनकाल के बाद क्या हम ये नहीं पूछ सकते कि —

    “अगर पहले जंगलराज था, तो अब क्या 'शूटरराज', 'शराबराज' और 'माफियाराज' नहीं है?”

    नीतीश कुमार का "सुसासन" आज जमीनी हकीकत से कट चुका है। मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर थाने तक, फाइलें चलती हैं लेकिन जनता की चीखें अनसुनी रह जाती हैं।


    🔎 समाधान क्या है?

    1. शराबबंदी कानून की समीक्षा — सुधारो या हटाओ, लेकिन दिखावे का कानून मत रखो।

    2. पुलिसिंग को स्वतंत्र करो — राजनीतिक दबाव और थानेदारी सिस्टम को तोड़ना होगा।

    3. फास्ट ट्रैक कोर्ट — हथियार, मर्डर और गैंग केसों के लिए स्पेशल ट्रायल चाहिए।

    4. समाज को जागरूक करो — अपराधी राजनीतिक संरक्षण में पनपते हैं, इन्हें वोट से जवाब दो।


    ✍️ निष्कर्ष: बिहार का खून सड़कों पर है, सन्नाटा अस्पतालों में है — और सरकार आंकड़ों में व्यस्त है

    अगर अस्पताल के बिस्तर पर भर्ती मरीज को भी गोलियों से मारा जा सकता है, तो आम आदमी के लिए क़ानून, सरकार और व्यवस्था सिर्फ किताबों की बातें बनकर रह जाती हैं।

    बिहार के लोगों को अपराध का डर नहीं, अब 'सरकार की चुप्पी' का डर सता रहा है।




    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728