⚡बिलाप गांव के किसानों की गुहार: "धान सूख रहा है, बिजली दो सरकार !"
✍️ रिपोर्टिंग: कलीम, बिहटा | We News 24
बिहटा (बिहार): बिजली संकट से जूझते किसान पहुंचे बिजली ऑफिस, हाथों में आवेदन और आंखों में आस बिहटा प्रखंड के बिलाप गांव के किसानों की मुश्किलें इन दिनों सातवें आसमान पर हैं। धान की रोपनी का वक्त है, लेकिन खेतों में पानी नहीं है – वजह? गांव में लगातार बिजली संकट। इस संकट से जूझते हुए बिलाप गांव के दर्जनों किसान शुक्रवार को भारी संख्या में बिहटा बिजली ऑफिस पहुंचे। उनके हाथों में लिखित आवेदन था, और आंखों में आस – कि शायद कोई अफसर उनकी आवाज़ सुन ले।
🧑🌾 "धान सूख रहा है, हम क्या खाएं?"
किसानों का दर्द साफ झलक रहा था –
"धान के खेतों में पानी की सख्त जरूरत है। अगर अब भी बिजली नहीं दी गई तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। हम क्या खाएंगे, बच्चों को क्या खिलाएंगे?"
बिलाप के किसान मोतीलाल यादव, राजेंद्र राय, और रमेश सिंह ने बताया कि गांव में ट्रांसफॉर्मर तो लगा है, लेकिन बिजली अक्सर गुल रहती है।
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⚠️ सिर्फ बिजली की बात नहीं, ये किसान की जिंदगी की बात है
धान की खेती के लिए टाइमिंग और सिंचाई दोनों जरूरी होते हैं
बिना बिजली के मोटर पंप नहीं चल पा रहे
डीजल बहुत महंगा हो गया है – गरीब किसान उसे खरीद भी नहीं सकता
📌 "बिजली की कटौती हमारे पेट पर वार है" – यही कह रहे हैं बिलाप के किसान
🏢 बिजली विभाग से क्या मिला?
किसानों ने बिहटा बिजली ऑफिस में अफसरों को एक लिखित ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई:
गांव में 24 घंटे में कम से कम 12 घंटे नियमित बिजली दी जाए
खराब लाइन और ट्रांसफॉर्मर की तुरंत मरम्मत की जाए
खेतों के लिए शाम और सुबह बिजली देना सुनिश्चित किया जाए
बिजली विभाग ने समस्या को जल्द सुलझाने का भरोसा तो दिया है, लेकिन ग्रामीणों में अब भी भय और अविश्वास बना हुआ है।
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📢 वी न्यूज 24 की अपील:
सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि बिलाप जैसे गांवों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दें। यह सिर्फ बिजली नहीं, किसान की रोटी और आत्मसम्मान का सवाल है। अगर अब भी किसान को नहीं सुना गया, तो इसका असर सिर्फ खेतों पर नहीं – पूरे समाज पर पड़ेगा।
🟢 अगला कदम:
यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो किसान धरना प्रदर्शन और प्रखंड कार्यालय घेराव की चेतावनी दे रहे हैं।
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