क्या कपिल सिब्बल को हिंदू पसंद नहीं? एक वरिष्ठ वकील पर उठते सवाल और सच्चाई के पीछे के तथ्य
✍️ वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार | We News 24
नई दिल्ली :- वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल एक बार फिर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया और कुछ वैचारिक हलकों में ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे केवल मुस्लिम पक्ष या विवादित मामलों में ही वकालत करते हैं। कुछ लोगों ने तो यहाँ तक कह दिया कि "कपिल सिब्बल हिंदुओं के विरोधी हैं" या "उन्हें हिंदू पक्ष पसंद नहीं।" सवाल ये भी उठता है कि आखिर कपिल सिब्बल किस समुदाय से आते हैं और क्या वे भारत के मूल नागरिक हैं या रिफ्यूजी?इस न्यूज़ ब्लॉग में हम तथ्यों के आधार पर इन सारे सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं।
🧑⚖️ कपिल सिब्बल कौन हैं?
जन्म: 8 अगस्त 1948, जोधपुर (राजस्थान), भारत
शिक्षा: सेंट स्टीफन कॉलेज (दिल्ली), हार्वर्ड लॉ स्कूल (अमेरिका)
वकालत का अनुभव: 1973 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस
राजनीतिक जुड़ाव: कांग्रेस पार्टी (पूर्व केंद्रीय मंत्री), वर्तमान में इंडिपेंडेंट राज्यसभा सांसद (समर्थन अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का)
पिता: हीरालाल सिब्बल – सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील और भारत के संविधान के पैरोकारों में से एक
📌 यानी, कपिल सिब्बल भारतीय हैं और पूरी तरह से भारत में जन्मे, पले-बढ़े हैं। पाकिस्तानी रिफ्यूजी कहना पूरी तरह भ्रामक और गलत है।
🔍 कपिल सिब्बल किस धर्म या समुदाय से हैं?
कपिल सिब्बल हिंदू परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका उपनाम "सिब्बल" आमतौर पर पंजाबी खत्री हिंदू समुदाय से जुड़ा है। उनके धार्मिक आचरण के बारे में कुछ सार्वजनिक जानकारी नहीं है, क्योंकि वे धर्म की बजाय कानूनी, संवैधानिक और मानवाधिकार के पक्ष में अपनी भूमिका पर ज़ोर देते रहे हैं।
⚖️ क्या कपिल सिब्बल सिर्फ मुस्लिम पक्ष के ही केस लड़ते हैं?
यह आरोप सत्य का आधा हिस्सा है।
जिन प्रमुख मामलों में उन्होंने मुस्लिम पक्ष की वकालत की:
राम जन्मभूमि – बाबरी मस्जिद केस: मुस्लिम पक्ष (सुन्नी वक्फ बोर्ड) के वकील थे
हिजाब विवाद (कर्नाटक): मुस्लिम छात्राओं की तरफ से पेश हुए
CAA-NRC विरोध: याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए, जिनमें कई मुस्लिम संगठन थे
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लेकिन ये भी सच्चाई है कि:
उन्होंने कई हिंदू नेताओं और गैर-मुस्लिम संस्थाओं के भी केस लड़े हैं, जैसे:
NDTV के प्रमोटर प्रणय रॉय
कॉर्पोरेट केसों में रिलायंस और टाटा जैसे बड़े घरानों की तरफ से
प्रशांत भूषण जैसे एक्टिविस्ट्स के लिए
कांग्रेस सरकार में रहते हुए संविधान और कानून से जुड़े बड़े केसों की पैरवी की, जो सभी धर्मों से संबंधित थे
📌 कपिल सिब्बल एक पेशेवर वकील हैं। वे अपने क्लाइंट्स का केस संविधान और कानून के अनुसार लड़ते हैं, न कि धार्मिक पहचान के आधार पर।
🧑⚖️ जस्टिस यशवंत वर्मा और S. Wahie (S. वाही) केस में क्या मामला है?
कपिल सिब्बल इस समय सुप्रीमकोर्ट में एक केस में S. वाही नामक व्यक्ति की ओर से पेश हो रहे हैं। कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि इसमें भी कपिल सिब्बल ने “एक खास पक्ष” लिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एक इन-हाउस जांच कमेटी की रिपोर्ट को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की बेंच से अपील की कि इस याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि इसमें महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्न उठाए गए हैं।
📌 इस याचिका में कपिल सिब्बल S. वाही नामक याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए हैं।
📌 लेकिन कानून की प्रक्रिया में एक वकील किसी भी पक्ष की पैरवी कर सकता है, जब तक वह नियमों के दायरे में हो। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह कहना कि "कपिल सिब्बल एकतरफा होते हैं" – पूर्वाग्रहपूर्ण हो सकता है।
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🧠 क्या कपिल सिब्बल हिंदुओं के विरोधी हैं?
नहीं। कोई भी पेशेवर वकील, विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता, अपनी पेशेवर भूमिका के आधार पर किसी केस को लेता है, न कि धर्म के आधार पर।
कपिल सिब्बल का आलोचक होना एक लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उनके खिलाफ झूठ फैलाना या उनकी राष्ट्रीयता या धर्म पर सवाल उठाना अनैतिक, अवैज्ञानिक और गैर-कानूनी है।
📢 अंतिम बात:
यदि आप किसी वकील या नेता की विचारधारा से असहमत हैं तो आलोचना जरूर करें, लेकिन तथ्यों के साथ। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और संविधान सबको – चाहे वो कपिल सिब्बल हों या आम नागरिक – बराबर अधिकार देता है।
📎 स्रोत:
सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट
राज्यसभा बायोडाटा
बार काउंसिल ऑफ इंडिया
इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू, NDTV रिपोर्ट्स
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