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    💸 UPI से लेकर पंचमार्क सिक्कों तक: जानें भारतीय मुद्रा का हज़ारों साल पुराना सफर

    💸 UPI से लेकर पंचमार्क सिक्कों तक: जानें भारतीय मुद्रा का हज़ारों साल पुराना सफर


    ✍️ दीपक कुमार | We News 24 | नई दिल्ली

    📅 22 जुलाई 2025



    📲 आज की हकीकत: कैश नहीं तो सामान नहीं? चाय पीनी हो या गोलगप्पे खाने हों, शॉपिंग हो या रोजमर्रा का सामान खरीदना हो – आज मोबाइल और UPI ने भुगतान को आसान बना दिया है। लेकिन अब दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में कुछ दुकानदार "कैश ओनली" का बोर्ड लगा रहे हैं। कारण? छोटे व्यापारियों को GST विभाग के भारी नोटिस और टैक्स की मांग ने डरा दिया है। यह स्थिति भारतीय मुद्रा के इतिहास के एक नए पड़ाव की ओर इशारा करती है। आइए, जानते हैं भारतीय मुद्रा का सफर – सिक्कों से डिजिटल पेमेंट तक।

    जीएसटी विभाग ने कई रेहड़ी-पटरी वालों को नोटिस भेजे हैं। कई पर लाखों का टैक्स बकाया बताया गया है।

    ऐसे में डरे हुए छोटे दुकानदार अब केवल नकद लेने की बात कह रहे हैं। यह पूरा मामला हमें भारत की वित्तीय प्रणाली की जड़ों की ओर देखने को मजबूर करता है।



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     भारतीय मुद्रा की शुरुआत: पंच-चिह्नित सिक्कों से डिजिटल करेंसी तक

    भारत में मुद्रा का इतिहास 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व से शुरू होता है जब महाजनपद काल में पहली बार पंच-मार्क सिक्के चलन में आए। ये तांबे, चांदी या सोने के टुकड़े होते थे, जिन पर प्रतीक चिह्न बने होते थे।


    प्रमुख महाजनपद:


    1. मगध
    2. कौशल
    3. अवंती
    4. काशी


     आधुनिक भारतीय मुद्रा की कहानी: 1757 से अब तक

    🔹 पहला आधुनिक सिक्का

    📍 19 अगस्त 1757, कोलकाता

    ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा प्लासी युद्ध जीतने के बाद बंगाल में 1 रुपये का सिक्का जारी किया गया।



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    🔹 स्वतंत्र भारत का पहला सिक्का

    📍 1950, भारत सरकार द्वारा ढाला गया

    इससे पहले ब्रिटिश सिक्के चलन में थे।


    💵 नोटबंदी से पहले का नोट इतिहास: कब-क्या-कैसे?

    नोट मूल्य पहली बार जारी बंद करने की तिथि

    ₹1 15 अगस्त 1949 चलन में है, भारत सरकार जारी करती है

    ₹1000 1954 1978 में बंद

    ₹2000 2016 अब चलन से बाहर

    ₹10,000 1938 1946 में बंद, 1954 में फिर से जारी, 1978 में बंद


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    🏛️ RBI की स्थापना और अधिकार

    स्थापना: 1 अप्रैल 1935

    अधिनियम: भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934

    राष्ट्रीयकरण: 1 जनवरी 1949

    पहले हेड ऑफिस: कोलकाता (अब मुंबई में)

    RBI अधिकतम ₹10,000 तक का नोट जारी कर सकता है

    धारा 24 के अनुसार, ₹10,000 से ऊपर का नोट जारी करने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है।


    📃 भारत में पहले नोट छापने वाले बैंक

    बैंक वर्ष मुद्रा प्रकार

    बैंक ऑफ हिंदुस्तान (कलकत्ता) 1770 पहला कागज का नोट

    जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार 1773 नोट जारी

    बैंक ऑफ बॉम्बे / मद्रास 1800 के बाद नोट जारी


    लेकिन 1861 के Paper Currency Act के बाद सिर्फ प्रेसीडेंसी बैंकों को नोट जारी करने का अधिकार मिला।


    🌏 दुनिया की पहली मुद्रा: कहां और कैसे शुरू हुई?

     धातु मुद्रा (Coin)

    पहली बार: 600 BCE

    स्थान: लिडिया (अब तुर्किये)

    राजा: एलियट्स

    धातु: इलेक्ट्रम (सोना + चांदी)


    💴 कागज की मुद्रा (Paper Money)

    स्थान: चीन

    काल: 7वीं सदी, टांग वंश (Flying Money)

    व्यवस्थित नोट: सांग वंश (960–1279 AD)

    यूरोप में शुरुआत: 1661, स्वीडन की बैंक ने


    🔁 बिना मुद्रा व्यापार कैसे होता था?

    बरटर सिस्टम यानी वस्तु विनिमय प्रणाली


    अनाज के बदले वस्त्र

    सेवा के बदले भोजन

    मसालों के बदले पशु


    इसमें कोई मानकीकरण नहीं था, जिससे व्यापार सीमित और कठिन होता था।


    🧠 रोचक तथ्य (Fun Facts)

    भारत का ₹1 का नोट भारत सरकार जारी करती है, बाकियों को RBI

    सबसे पहले ₹10 का नोट रानी विक्टोरिया की तस्वीर के साथ 1861 में जारी हुआ

    ₹2000 के नोट को 2016 में लाया गया और 2023-24 में बंद कर दिया गया


    📚 स्रोत और प्रमाण

    RBI मुद्रा म्यूजियम

    Britannica - History of Money

    Jack Weatherford की किताब “The History of Money”


    📢 नि UPI, Cash या Coins – सबके पीछे एक ऐतिहासिक संघर्ष है

    आज जब QR कोड से दूध-सब्ज़ी खरीदी जाती है, हमें यह समझना ज़रूरी है कि इस डिजिटल यात्रा की नींव हजारों साल पहले पंच-मार्क सिक्कों से रखी गई थी।


    जिन दुकानदारों पर आज टैक्स के डर से डिजिटल भुगतान रोकना पड़ रहा है, वे हमें याद दिलाते हैं कि भारत में वित्तीय सशक्तिकरण तब तक अधूरा है जब तक हर हाथ में बराबरी की पहुंच न हो।



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