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    बिहार में गजब: हाईवे की जमीन बिक रही, मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन प्रोजेक्ट पर मंडराया खतरा

    बिहार में गजब: हाईवे की जमीन बिक रही, मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन प्रोजेक्ट पर मंडराया खतरा



    फटाफट पढ़े-

    खबर की सार :-बिहार के मुजफ्फरपुर में मुशहरी अंचल की एनएच-28 जमीन अवैध रूप से बिक रही है, जिससे मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन प्रोजेक्ट खतरे में पड़ गया है। अतरदह मौजे में रामदयालु से कच्ची पक्की तक अतिक्रमण बढ़ा, और एनएचएआई ने डीएम से कार्रवाई की मांग की है।

     

    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 24 अगस्त 2025, 05:30 IST

    रिपोर्टिंग : पवन साह 



     बिहार :- के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त और दाखिल-खारिज का मामला सामने आया है, जो मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन प्रोजेक्ट को खतरे में डाल सकता है। मुशहरी अंचल के अतरदह मौजे में एनएचएआई की जमीन पर लोग घर बना रहे हैं और भू-माफिया इसे धड़ल्ले से बेच रहे हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक आशुतोष सिन्हा ने डीएम को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।



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    घटना का विवरण

    मुशहरी अंचल के अतरदह मौजे में रामदयालु से कच्ची पक्की तक फैली एनएच-28 की जमीन पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण का सिलसिला जारी है। स्थानीय भू-माफिया इस सरकारी जमीन को बेच रहे हैं, और अंचलाधिकारी भी इसका दाखिल-खारिज कर रहे हैं। इससे एनएचएआई की जमीन वैध हो रही है, जो मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए गंभीर चुनौती बन गई है।


    परियोजना निदेशक ने डीएम सुब्रत कुमार सेन को पत्र लिखकर बताया कि कई शिकायतों के बावजूद यह गतिविधि रुक नहीं रही। उन्होंने फरवरी में भी अतिक्रमण की तस्वीरें भेजकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस क्षेत्र में कई वाणिज्यिक परिसर भी बनाए गए हैं, जो प्रोजेक्ट की राह में बाधा बन रहे हैं।



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    ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

    1963-64 में इस जमीन का एनएच निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया था, और सभी रैयतों को मुआवजा दे दिया गया था। बाद में रामदयालु ओवरब्रिज के निर्माण के लिए अतिरिक्त जमीन ली गई। जाम की समस्या से निपटने के लिए यातायात को इस ओर मोड़ा गया, जिसके बाद लेफ्ट ओवर सड़क पर माफिया ने कब्जा जमा लिया और अवैध कारोबार शुरू कर दिया।


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    प्रोजेक्ट पर खतरा

    मुख्य सचिव ने एनएच-28 के मुजफ्फरपुर-बरौनी खंड को फोरलेन बनाने और रामदयालु नगर में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के साथ गोलाकार सड़क निर्माण का निर्देश दिया है। इसके लिए इस क्षेत्र की सभी जमीन की आवश्यकता है। लेकिन अतिक्रमण के कारण प्रोजेक्ट की समय-सीमा और लागत पर असर पड़ने का खतरा मंडरा रहा है।


    प्रशासनिक कार्रवाई

    मुशहरी के सीओ महेंद्र प्रताप शुक्ला ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, लेकिन जानकारी मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।” वहीं, स्थानीय निवासी रामप्रवेश यादव ने चिंता जताई, “हमारे गांव में सरकारी जमीन पर घर बन गए हैं। अगर यह प्रोजेक्ट रुका, तो हमें भी नुकसान होगा। प्रशासन को जल्द कदम उठाने चाहिए।”


    सामाजिक प्रभाव

    यह मामला बिहार में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और भ्रष्टाचार की बढ़ती समस्या को उजागर करता है। पहले कुढ़नी में स्वास्थ्य केंद्र और कांटी में कृषि विभाग की जमीन की बिक्री के मामले सामने आए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त नीति और निगरानी की जरूरत है, वरना बड़े प्रोजेक्ट प्रभावित होंगे।


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