दिल्ली के सभी पुलिस थानों से होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही
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खबर का सार : उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के सभी 226 पुलिस थानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए “नामित स्थल” घोषित किया है। इससे पुलिसकर्मी थानों से ही गवाही दे सकेंगे, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी। यह कदम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और न्याय श्रुति नियमों के तहत उठाया गया है, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी समर्थन दिया है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 13 अगस्त 2025, 05:40 IST
नई दिल्ली | उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के 226 पुलिस थानों को “नामित स्थल” घोषित किया, पुलिसकर्मियों को अब कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
दिल्ली पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के सभी 226 पुलिस थानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने के लिए “नामित स्थल” (Designated Place) घोषित करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले से पुलिसकर्मियों को बार-बार अदालतों में उपस्थित होने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे उनका समय और संसाधन बचेगा, साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
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पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग: एक क्रांतिकारी कदम
नए प्रावधान के तहत, दिल्ली पुलिस के सभी थानों से पुलिसकर्मी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेंगे। यह सुधार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) के तहत तैयार मॉडल नियम न्याय श्रुति (Nyaya Shruti) के अनुरूप है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि गवाहों (पुलिसकर्मियों को छोड़कर) की जिरह पुलिस थानों से नहीं होगी।
दिल्ली के 226 पुलिस थाने बनेंगे “नामित स्थल”
दिल्ली पुलिस ने अपने सभी 226 थानों को “नामित स्थल” घोषित करने की सिफारिश की थी, जिसे गृह विभाग (GNCTD) ने उपराज्यपाल को भेजा और मंजूरी मिल गई। इन थानों में शामिल हैं:
क्षेत्रीय थाने: 179
मेट्रो थाने: 16
साइबर थाने: 15
रेलवे थाने: 08
क्राइम ब्रांच: 02
आईजीआई एयरपोर्ट: 02
आर्थिक अपराध शाखा (EOW): 01
स्पेशल सेल: 01
महिला अपराध शाखा (CAW सेल): 01
विजिलेंस: 01
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अदालतों में भीड़ कम होगी, पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ेगी
वर्तमान में, दिल्ली में रोजाना करीब 2000 पुलिसकर्मी विभिन्न अदालतों में गवाही देने के लिए जाते हैं। इस नए प्रावधान से वे अपने थानों से ही यह प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। इससे न केवल अदालतों में भीड़ कम होगी, बल्कि पुलिसकर्मी अपने बचे समय को जांच और कानून-व्यवस्था से जुड़े अन्य कार्यों में लगा सकेंगे।
पहले सीमित थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा
इससे पहले, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की सुविधा केवल दिल्ली उच्च न्यायालय, जिला अदालतों, दिल्ली की जेलों, अस्पतालों, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और कुछ सरकारी कार्यालयों तक सीमित थी। अब इस सुविधा का विस्तार सभी पुलिस थानों तक होने से पुलिस कार्य में तेजी आएगी और न्यायिक प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी होगी।
स्थानीय लोगों में उत्साह, पुलिस की सराहना
इस कदम से न केवल पुलिसकर्मियों का समय बचेगा, बल्कि यह न्याय प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगा। दिल्ली के निवासियों ने इस पहल की सराहना की है, क्योंकि यह पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ-साथ अदालतों में अनावश्यक भीड़ को कम करने में मदद करेगा।
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