लगातार बारिश से पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन का कहर, हिमाचल से जम्मू तक स्कूल बंद, पंजाब में बाढ़ का खतरा
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खबर की सार :- पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश से भूस्खलन और बाढ़ का कहर, हिमाचल में मणिमहेश यात्रा स्थगित, तीन मौतें, स्कूल बंद। जम्मू में रेड अलर्ट, उत्तराखंड में 90+ मार्ग अवरुद्ध। पंजाब में बाढ़, रणजीत सागर बांध के गेट खोले गए। मंगलवार को भी अलर्ट।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 26 अगस्त 2025,04:05 IST
नई दिल्ली, पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि पंजाब में बाढ़ ने कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। मंगलवार को भी इन क्षेत्रों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी है, जिससे लोग दहशत में हैं। हिमाचल में मणिमहेश यात्रा के दौरान तीन श्रद्धालुओं की मौत ने हर किसी का दिल दहला दिया, वहीं कश्मीर में हिमपात ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आइए जानते हैं इस प्राकृतिक आपदा का पूरा हाल।
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हिमाचल में मणिमहेश यात्रा पर कहर, स्कूल बंद
हिमाचल में मणिमहेश यात्रा के दौरान आक्सीजन की कमी से पंजाब के तीन श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई। इस हादसे के बाद चंबा प्रशासन ने यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। हड़सर से डल तक करीब 800 श्रद्धालु फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश जारी है। भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए चंबा, कांगड़ा, मंडी और ऊना जिलों में मंगलवार को सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।
कांगड़ा के पौंग बांध का जलस्तर बढ़ गया है, जबकि बिलासपुर-स्वारघाट के पास चंडीगढ़-मनाली एनएच पर छडोल में भूस्खलन से दो वाहन दब गए। सोमवार को जगातखाना में एक लग्जरी बस पर पत्थर गिरने से चार यात्रियों को चोटें आई हैं। शिंकुला दर्रा, बारालacha, खरदूंगला और रोहतांग में हिमपात से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
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जम्मू-कश्मीर में रेड अलर्ट, संपर्क मार्ग बंद
जम्मू-कश्मीर में सोमवार को लगातार दूसरे दिन मूसलधार बारिश ने तबाही मचाई। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार तक जम्मू संभाग के आठ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि कश्मीर के तीन जिलों में अलर्ट है। बादल फटने, बाढ़, और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। ऊधमपुर और रियासी में एक दर्जन से ज्यादा कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए, और कई संपर्क मार्ग बंद हैं।
कश्मीर में राजधानी पास, गुलमर्ग के अफरबट, श्री अमरनाथ गुफा और जोजि ला में बर्फबारी हुई है। जम्मू-पठानकोट हाईवे पर कठुआ के सहार खड्ड पर पुल की मरम्मत के बाद यातायात बहाल हुआ, लेकिन तवी, चिनाब और झेलम नदियों का जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने जम्मू संभाग के सभी स्कूलों को मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया है।
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उत्तराखंड में मार्ग अवरुद्ध, यात्रा प्रभावित
उत्तराखंड में रविवार रात की जोरदार और सोमवार की हल्की बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया। गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा स्थगित कर दी गई, जबकि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा भूस्खलन से बाधित हो रही है। राज्य में 90 से अधिक संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर और नैनीताल के स्कूल सोमवार को बंद रहे, और मौसम विभाग ने इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
पंजाब में बाढ़ का खतरा, रणजीत सागर बांध के गेट खोले
हिमाचल और जम्मू से आने वाले पानी ने पठानकोट के रणजीत सागर बांध के सभी सात फ्लड गेट 2007 के बाद पहली बार खोल दिए गए। इससे रावी नदी में बाढ़ आई, और सीमावर्ती गांव ताश में फंसे लोगों को निकालने का अभियान चल रहा है। पठानकोट-जालंधर हाईवे का चक्की दरिया पर बना पुल अभी भी बंद है, जबकि माधोपुर-कठुआ हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही रोकी गई है।
गुरदासपुर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में बाढ़ ने पांचों को प्रभावित किया है। गुरदासपुर में रावी और ब्यास दरिया के किनारे 12 गांव कट गए हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
जनता के लिए सुझाव
इस प्राकृतिक आपदा के बीच अपनी सुरक्षा पहले रखें। नदियों, नालों, और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहें। स्थानीय प्रशासन के अलर्ट और निर्देशों का पालन करें। फंसे लोगों की मदद के लिए आपदा राहत हेल्पलाइन (1077) पर संपर्क करें।
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