नोएडा-ग्रेटर नोएडा: 70,000+ फ्लैट खरीदारों के लिए खतरा, अवैध कॉलोनियां और NBFC की साठगांठ से 1031 करोड़ का खेल
फटाफट पढ़े
खबर का सार : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 2000+ अवैध कॉलोनियों में 70,000 से ज्यादा फ्लैट्स बन रहे हैं, जिनमें बिना NOC और मानचित्र स्वीकृति के NBFC कंपनियां 4% अधिक ब्याज पर लोन देकर 1031 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाएंगी। खरीदारों को वित्तीय नुकसान और फ्लैट तोड़े जाने का खतरा है। NGT और प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई शुरू की है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 18 अगस्त 2025, 09:35 IST
रिपोर्टिंग : विवेक श्रीवास्तव
नोएडा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अवैध कॉलोनाइजरों और निजी फाइनेंस कंपनियों (NBFC) की साठगांठ से 70,000 से अधिक फ्लैट खरीदारों के लिए खतरा मंडरा रहा है। 2000 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों में बन रहे इन फ्लैटों को बिना NOC और मानचित्र स्वीकृति के बनाया जा रहा है, जिसके कारण बैंक लोन नहीं दे रहे। NBFC कंपनियां ऊंची ब्याज दरों पर लोन देकर 1031 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने की तैयारी में हैं, जबकि खरीदारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ये भी पढ़े-छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सली IED ब्लास्ट, DRG जवान दिनेश नाग बलिदान, 3 घायल, इलाका सील
अवैध कॉलोनियों का जाल
नोएडा के 18 और ग्रेटर नोएडा के 56 गांवों में 2000 से अधिक अवैध कॉलोनियों में 70,000 से ज्यादा फ्लैट निर्माणाधीन हैं। ये प्रोजेक्ट बिना नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अनुमति, पर्यावरण मंजूरी, और भूजल प्राधिकरण के NOC के बन रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इन अवैध निर्माणों पर सख्ती दिखाते हुए प्राधिकरण, जिला प्रशासन, भूजल प्राधिकरण, बिजली निगम, और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है।
NBFC और बिल्डरों की साठगांठ
बैंक लोन का अभाव: बिना NOC और मानचित्र स्वीकृति के बने फ्लैटों के लिए बैंक लोन नहीं दे रहे। नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बैंकों को इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
NBFC का खेल: अवैध कॉलोनाइजरों के साथ मिलकर NBFC कंपनियां 4% अधिक ब्याज दर पर लोन दे रही हैं। इन फ्लैटों की कुल कीमत करीब 2450 करोड़ रुपये है, जिसमें खरीदार 735 करोड़ रुपये बुकिंग के लिए जमा करेंगे, और बाकी 1715 करोड़ रुपये NBFC से लोन के रूप में लेंगे।
ये भी पढ़े-Bihar Voter List: 65 लाख नाम हटाए गए, EC ने जिला मजिस्ट्रेट वेबसाइटों पर जारी की सूची
मुनाफे का गणित: बैंक लोन से 15 साल में खरीदारों को 3773 करोड़ रुपये चुकाने होते, लेकिन NBFC लोन के कारण यह राशि 4802 करोड़ रुपये हो जाएगी। इससे NBFC और बिल्डरों को 1031 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुनाफा होगा।
खरीदारों पर दोहरी मार
इन अवैध फ्लैटों में निवेश करने वाले खरीदारों को न केवल वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि उनके फ्लैटों को अवैध घोषित कर तोड़ा भी जा सकता है। नोएडा प्राधिकरण ने पहले ही 200 से अधिक अवैध इमारतों को चिह्नित किया है, और ग्रेटर नोएडा में 20 से ज्यादा कॉलोनियों को तोड़ने की योजना है।
अमर्त्य सिन्हा, एक खरीदार, ने कहा, “मैं मूल रूप से बंगाल से हूं और नोएडा-ग्रेटर नोएडा की जानकारी नहीं थी। इस घोटाले में फंस गया।” ऐसे लाखों खरीदार हैं जो बिल्डरों के झांसे में आकर अपनी जमा-पूंजी गंवा रहे हैं।
ये भी पढ़े-7 दिन में माफी या हलफनामा’: राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप पर चुनाव आयोग के 5 बड़े तर्क
वैध परियोजनाओं का हाल
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वैध परियोजनाओं का भी बुरा हाल है:
नोएडा: 118 परियोजनाओं में से केवल 24 पूरी, 169,950 फ्लैट्स में से 65,255 की रजिस्ट्री हुई।
ग्रेटर नोएडा: 191 परियोजनाओं में से 50 पूरी, 261,814 फ्लैट्स में से 96,410 की रजिस्ट्री हुई।
NGT और प्राधिकरण की कार्रवाई
NGT ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माणों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इन प्रोजेक्ट्स में पर्यावरण मंजूरी (EC), संचालन मंजूरी (CTO), और स्थापना मंजूरी (CTE) का अभाव है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है, जिससे खरीदारों की चिंता बढ़ गई है।
खरीदारों के लिए सलाह
प्राधिकरण ने खरीदारों को सलाह दी है कि वे फ्लैट खरीदने से पहले प्रोजेक्ट की वैधता, NOC, और मानचित्र स्वीकृति की जांच करें। अवैध कॉलोनियों में निवेश से बचने के लिए प्राधिकरण की वेबसाइट या कार्यालय से संपर्क करें।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा की ताजा खबरों के लिए हमारे न्यूज पोर्टल से जुड़े रहें।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद