पटेल हाल्ट में भव्य कबड्डी प्रतियोगिता: विष्णुपुरा ने जीता खिताब, बिहटा रही उपविजेता
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खबर का सार : बिहटा के पटेल हाल्ट में कबड्डी प्रतियोगिता आयोजित, 51 टीमों ने भाग लिया। विष्णुपुरा विजेता, बिहटा उपविजेता। थाना प्रभारी कृष्णा कुमार ने पुरस्कार दिए। उत्तर प्रदेश-बिहार की टीमों ने रोमांचक मुकाबले खेले, दर्शकों ने उत्साह दिखाया। स्थानीय युवाओं की पहल से हुआ आयोजन।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 12 अगस्त 2025, 18:35 IST
बिहटा:- बिहार के पटना जिले के बिहटा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 27 में स्थित पटेल हाल्ट पाण्डेयचक सहवाजपुर में स्थानीय युवाओं की पहल से एक भव्य कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस रोमांचक टूर्नामेंट में उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों की टीमों ने हिस्सा लिया। जूनियर और सीनियर वर्ग को मिलाकर कुल 51 टीमों के बीच दिनभर कड़े मुकाबले हुए, जो सुबह से देर रात तक चले। फाइनल में विष्णुपुरा की टीम ने शानदार प्रदर्शन कर विजेता का खिताब अपने नाम किया, जबकि बिहटा की टीम उपविजेता रही। दोनों टीमों ने तीन-तीन बेहतरीन रेड और डिफेंस दिखाकर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। समापन समारोह में बिहटा थाना प्रभारी कृष्णा कुमार ने विजेता और उपविजेता टीमों को ट्रॉफी, मेडल और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। आयोजन में कई समाजसेवी और स्थानीय निवासियों ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
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यह प्रतियोगिता स्थानीय युवाओं द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न राज्यों से आई टीमों ने अपनी कबड्डी कौशल का प्रदर्शन किया। बिहार कबड्डी एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में ऐसे लोकल टूर्नामेंट्स युवाओं में खेल भावना को बढ़ावा देते हैं, और पिछले साल बिहार में 200 से ज्यादा कबड्डी इवेंट्स हुए थे। यहां 51 टीमों ने भाग लिया, जिसमें जूनियर वर्ग में युवा खिलाड़ी और सीनियर में अनुभवी टीमों ने मुकाबला किया। फाइनल मैच बेहद रोमांचक रहा, जहां विष्णुपुरा ने बिहटा को कड़े टक्कर में हराया। दर्शकों की भीड़ ने पूरे दिन जोश बनाए रखा, और आयोजकों ने सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। थाना प्रभारी कृष्णा कुमार के अलावा, स्थानीय नेता और समाजसेवियों ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया।
मानवीय दृष्टिकोण: खेल से जुड़ती युवा पीढ़ी, समुदाय की एकता
यह प्रतियोगिता सिर्फ एक खेल इवेंट नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं की पहल का प्रतीक है, जो गांव-शहर में खेल संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल न केवल शारीरिक फिटनेस बढ़ाते हैं, बल्कि टीमवर्क और अनुशासन सिखाते हैं। विष्णुपुरा और बिहटा जैसी टीमों के खिलाड़ी, जो ज्यादातर ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, ने दिखाया कि सीमित संसाधनों में भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। दर्शकों का उत्साह देखकर लगता है कि ऐसे आयोजन समुदाय को एकजुट करते हैं, जहां परिवार, बच्चे और बुजुर्ग सब मिलकर खुशी मनाते हैं। लेकिन क्या सरकार ऐसे लोकल इवेंट्स को और सपोर्ट दे सकती है? युवाओं से अपील है कि वे खेल को अपनाएं, क्योंकि यह नशे और नकारात्मकता से दूर रखता है। थाना प्रभारी जैसे अधिकारियों की भागीदारी पुलिस-जनता के बीच विश्वास बढ़ाती है।
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💬 आपको क्या लगता है:- यह आयोजन सराहनीय है, क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देता है और युवाओं को सकारात्मक दिशा देता है। कबड्डी भारत का पारंपरिक खेल है, और ऐसे टूर्नामेंट्स प्रो कबड्डी लीग जैसी बड़ी लीग्स के लिए टैलेंट तैयार करते हैं। लेकिन बिहार जैसे राज्य में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है – सरकार को ज्यादा फंडिंग और ट्रेनिंग सेंटर्स बनाने चाहिए। विष्णुपुरा की जीत प्रेरणादायक है, उम्मीद है कि यह अन्य गांवों में भी ऐसे इवेंट्स को प्रोत्साहित करेगी। कुल मिलाकर, समुदाय की पहल से बड़ा बदलाव आ सकता है! अपनी राय कमेंट्स में ज़रूर बताइए!
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