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    7 साल बाद चीन में PM मोदी का भव्य स्वागत: 'भारत माता की जय' के नारों के बीच रेड कार्पेट पर अभिनंदन

    7 साल बाद चीन में PM मोदी का भव्य स्वागत: 'भारत माता की जय' के नारों के बीच रेड कार्पेट पर अभिनंदन


     सारांश: 7 साल बाद पीएम मोदी तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे। रेड कार्पेट, भारतीय नृत्य-संगीत और 'भारत माता की जय' के नारों के साथ भव्य स्वागत। शी जिनपिंग और पुतिन से मुलाकात होगी। 



    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » लेखक: अनन्या शर्मा, संवाददाता    - प्रकाशित: 30 अगस्त 2025



    तियानजिन, चीन – सात साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन की धरती पर कदम रखा, और तियानजिन में उनका भव्य स्वागत हुआ। रेड कार्पेट बिछाकर और पारंपरिक नृत्य के साथ उनका अभिनंदन किया गया। भारतीय डायस्पोरा ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए, जबकि चीनी कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं, जहां वे राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों में सुधार और क्षेत्रीय सहयोग के लिए अहम मानी जा रही है।  



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    तियानजिन में PM मोदी का जोरदार स्वागत

    जापान की दो दिवसीय यात्रा के बाद पीएम मोदी 30 अगस्त 2025 को तियानजिन के बिनहाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत रेड कार्पेट और पारंपरिक चीनी नृत्य के साथ हुआ। इसके बाद एक होटल में चीनी कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत (सितार, संतूर, तबला) और ओडिसी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। स्थानीय भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया, और 'भारत माता की जय' व 'वंदे मातरम' के नारे गूंजे।  



    पीएम मोदी ने X पर पोस्ट किया:  

    "चीन के तियानजिन पहुंच गया हूं। SCO शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं से मुलाकात के लिए उत्सुक हूं।"  



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    SCO शिखर सम्मेलन और इसका महत्व

    31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलने वाला SCO शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और सहयोग पर केंद्रित है। पीएम मोदी 31 अगस्त को राष्ट्रपति शी जिनपिंग और 1 सितंबर को व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह यात्रा 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान सहित 10 देश शामिल हैं, और यह शिखर सम्मेलन वैश्विक दक्षिण (Global South) की एकजुटता को दर्शाता है।  


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    2018 के बाद पहली चीन यात्रा

    पीएम मोदी की यह यात्रा 2018 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा है, जब वे वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए गए थे। इस बार, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के बीच यह यात्रा भारत की 'मल्टी-अलाइनमेंट' नीति को रेखांकित करती है। भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध भी अहम हैं, क्योंकि चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।  



    आगे क्या?

    SCO शिखर सम्मेलन में तियानजिन घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर होंगे, और भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूत बयान की मांग करेगा। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को नई दिशा दे सकती है, लेकिन पाकिस्तान के साथ चीन के रिश्तों और व्यापार घाटे जैसे मुद्दे चुनौती बने रहेंगे। जेन Z की सोशल मीडिया पर सक्रियता इस डिप्लोमैटिक मोमेंट को और बड़ा बना सकती है।  


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