दिल्ली में यमुना की सफाई में तेजी, अमित शाह के आदेश पर दिल्ली-हरियाणा की संयुक्त समिति गठित
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खबर का सार : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यमुना सफाई के लिए दिल्ली और हरियाणा की संयुक्त समिति गठित की गई। नजफगढ़ नाले की सफाई, मुनक नहर के रखरखाव, और औद्योगिक अपशिष्ट पर सख्त कार्रवाई पर जोर दिया गया। दिल्ली सरकार ने द्वारका में 50 MGD जल शोधन संयंत्र के लिए अतिरिक्त पानी की मांग की है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 21 अगस्त 2025, 04:55 IST
रिपोर्टिंग : अंजली कुमारी
नई दिल्ली, यमुना नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठन का फैसला लिया गया। यह समिति यमुना की सफाई के कार्य को तेज करने और नजफगढ़ नाले, मुनक नहर के रखरखाव, और औद्योगिक अपशिष्ट की समस्या पर सख्ती से काम करेगी।
बैठक के प्रमुख बिंदु
- संयुक्त समिति का गठन: केंद्रीय जल आयोग, दिल्ली, और हरियाणा के अधिकारियों की संयुक्त समिति यमुना सफाई की प्रगति पर नजर रखेगी और कार्यों को समन्वयित करेगी।
- नजफगढ़ नाले की सफाई: दिल्ली के सबसे बड़े प्रदूषण स्रोत, नजफगढ़ नाले की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- मुनक नहर का रखरखाव: दिल्ली सरकार ने मुनक नहर के रखरखाव की जिम्मेदारी हरियाणा से लेने का प्रस्ताव दिया है।
- जल शोधन संयंत्र: द्वारका में 50 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र के लिए हरियाणा से अतिरिक्त पानी की मांग की गई।
- औद्योगिक अपशिष्ट पर कार्रवाई: हरियाणा की औद्योगिक इकाइयों से नदी में गिरने वाले अपशिष्ट पानी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- एलिवेटेड रोड की योजना: दिल्ली सरकार मुनक नहर पर इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन से हैदरपुर जल शोधन संयंत्र तक एक एलिवेटेड रोड बनाएगी।
अमित शाह के आदेश का असर
पिछले माह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश की सरकारों को यमुना सफाई के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया था। उनकी इस पहल का असर अब दिखने लगा है। बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने हिस्सा लिया, जबकि दिल्ली की मुख्यमंत्री जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के कारण शामिल नहीं हो सकीं।
यमुना सफाई की चुनौतियां
यमुना नदी दिल्ली में अत्यधिक प्रदूषित है, जिसमें नजफगढ़ नाला और औद्योगिक अपशिष्ट प्रमुख कारण हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा जैविक उपयोग के लिए अनुपयुक्त है। इस संयुक्त समिति के गठन से नदी की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जगी है।
सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्र और दिल्ली सरकार यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नजफगढ़ नाले की सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की क्षमता बढ़ाने, और औद्योगिक अपशिष्ट को नियंत्रित करने के लिए समयबद्ध योजनाएं बनाई गई हैं। हरियाणा के साथ समन्वय से मुनक नहर और जल शोधन संयंत्रों के लिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
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