गुरुग्राम में रफ्तार का कहर: NH एग्जिट पर थार की पलटी से 5 युवाओं की दर्दनाक मौत, एक घायल
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »
गुरुग्राम। 27 सितंबर 2025: सुबह के अंधेरे में एक छोटी-सी यात्रा का सपना कल्पना से परे त्रासदी में बदल गया। उत्तर प्रदेश से गुरुग्राम काम के सिलसिले में आए छह युवा दोस्तों की थार कार तेज रफ्तार की भेंट चढ़ गई। नेशनल हाईवे-48 के एग्जिट 9 पर डिवाइडर से टकराकर पलटी मारते हुए कार के परखच्चे उड़ गए, और पांच जिंदगियां हमेशा के लिए थम गईं। एकमात्र बचे युवा की हालत गंभीर है, जो अस्पताल में जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा है। यह हादसा न सिर्फ सड़क की क्रूरता की याद दिलाता है, बल्कि उन परिवारों के दर्द को भी उजागर करता है, जो अभी-अभी अपने बच्चों की सफलता की उम्मीदें संजो रहे थे।
हादसे का मंजर: सुबह 4:30 बजे की वो भयानक सैर
शनिवार सुबह करीब 4:30 बजे, झरसा फ्लाईओवर के पास NH-48 से राजीव चौक की ओर एग्जिट लेते समय यूपी रजिस्ट्रेशन वाली काली महिंद्रा थार अचानक बेकाबू हो गई। पुलिस के अनुसार, कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि ड्राइवर संतुलन खो बैठा और सीधे डिवाइडर से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि थार कई बार पलटी खाते हुए 50-100 मीटर दूर तक बिखर गई। मलबा और क्षतिग्रस्त कार का मंजर देखकर किसी का भी कलेजा मुनहसिर हो जाए।
ये भी पढ़े-सोनम वांगचुक: 'हीरो' से 'विलेन' की कहानी, जेल में बीत रहा समय, जानें क्या है पूरा मामला
कार में सवार छह युवा – तीन लड़के और तीन लड़कियां – यूपी से गुरुग्राम किसी काम के लिए आ रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके हाथों में पब के व्रिस्टबैंड्स मिले, जो इशारा करते हैं कि वे देर रात पार्टी के बाद लौट रहे थे। सेक्टर-40 पुलिस थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल को तुरंत मेदांता अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पांचों की सांसें थम चुकी थीं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और मृतकों की पहचान के लिए जांच जारी है। पुलिस घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि रफ्तार का सटीक आकलन हो सके।
सेक्टर-40 के SHO ललित ने बताया, "हादसा ओवरस्पीडिंग की वजह से हुआ। घायल युवा की हालत नाजुक है, और हम पूरे मामले की गहन जांच कर रहे हैं।" वाहन के यूपी नंबर से संकेत मिलता है कि सभी यात्री उत्तर प्रदेश के निवासी थे, जो इस शहर की चमक-दमक की ओर कदम बढ़ा रहे थे।
रफ्तार का पुराना सिलसिला: गुरुग्राम की सड़कें क्यों बन रही हैं काल?
गुरुग्राम, जिसे साइबर सिटी कहा जाता है, वहां तेज रफ्तार वाहनों का कहर कोई नई बात नहीं। कुछ महीने पहले गोल्फ कोर्स रोड पर एक पेट्रोल पंप के पास तेज रफ्तार होंडा सिटी ने महिंद्रा थार को पीछे से ठोका था। थार चला रही युवती अंशुल गुप्ता ने बताया था, "मैं पेट्रोल भरवाकर घर लौट रही थी, तभी वो कार ने जोरदार टक्कर मारी। थार बिजली के खंभे पर चढ़ गई।" गनीमत रही कि उस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन सीसीटीवी में कैद यह घटना रफ्तार के खतरे की नंगी तस्वीर पेश करती है।
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में सड़क हादसों का 40% से ज्यादा कारण तेज रफ्तार ही है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाईवे पर स्पीड लिमिट का पालन न करना और रात के समय थकान या नशे का असर इन दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है। यह हादसा उन युवाओं की कहानी है, जो सपनों के पीछे भागते हुए सड़क पर अपना सब कुछ गंवा बैठे। उनके परिवारों का क्या होगा, जो शायद अभी-अभी फोन पर बात करके इंतजार कर रहे होंगे?
जागरूकता की पुकार: सड़कें सुरक्षित हों, तो जिंदगियां बचें
यह त्रासदी हमें फिर से सोचने पर मजबूर करती है – क्या हमारी सड़कें सिर्फ कंक्रीट और एस्फाल्ट हैं, या उन पर दौड़ने वाली हर जिंदगी की कहानी भी बसी है? एक छोटी सी लापरवाही ने छह परिवारों को हमेशा के लिए अपूर्ण कर दिया। उम्मीद है कि यह हादसा सबक बनेगा, और हम सब मिलकर रफ्तार पर लगाम लगाएं। सुरक्षित ड्राइविंग ही सच्ची मंजिल है।
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद