माता वैष्णो देवी यात्रा 11वें दिन भी स्थगित, भूस्खलन के बाद मां का दरबार सूना
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रिपोर्टर: अनिल शर्मा
जम्मू, 6 सितंबर 2025: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा शुक्रवार को लगातार 11वें दिन स्थगित रही। 26 अगस्त को त्रिकुटा पहाड़ियों के अर्धकुंवारी में हुए भयावह भूस्खलन के कारण यह निर्णय लिया गया, जिसमें 34 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे। कोविड-19 महामारी के बाद यह यात्रा का सबसे लंबा निलंबन है।
भूस्खलन के बाद यात्रा पर रोक
26 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे कटड़ा से माता वैष्णो देवी मंदिर तक 12 किलोमीटर के तीर्थ मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ। इस आपदा ने तीर्थ मार्ग को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने यात्रा को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक स्थगित कर दिया।
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मौसम में सुधार, लेकिन अभी इंतजार
पिछले दस दिनों की भारी बारिश, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद अब मौसम में सुधार देखा जा रहा है। धूप खिलने से हालात सामान्य होने की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अभी तक यात्रा शुरू करने का फैसला नहीं लिया है। एक अधिकारी ने बताया, "यात्रा अभी भी स्थगित है। सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद उचित समय पर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।"
कोविड के बाद सबसे लंबा निलंबन
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, कोविड-19 प्रतिबंधों के बाद यह यात्रा का सबसे लंबा निलंबन है। इस दौरान कटड़ा में क्षतिग्रस्त तीर्थ मार्ग, रास्ते, विश्राम स्थलों और व्यावसायिक ढांचों की मरम्मत और जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। बोर्ड ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) पर काम कर रहा है।
जांच के लिए समिति गठित
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा इस समिति के प्रमुख हैं, जिसमें जम्मू के मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक भी शामिल हैं। समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है, जिसमें घटना के कारणों, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव शामिल होंगे।
तीर्थयात्रियों और स्थानीय सेवाओं पर प्रभाव
भूस्खलन के कारण कटड़ा में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, जो माता के दर्शन की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं। कई तीर्थयात्री कटड़ा के होटलों में रुके हुए हैं और यात्रा शुरू होने तक वहीं रहने का फैसला कर चुके हैं। एक तीर्थयात्री, राजा कुमार ने कहा, "हम दो दिन से होटल में रुके हैं। माता के दर्शन के बिना नहीं लौटेंगे, लेकिन कोई नहीं जानता कि यात्रा कब शुरू होगी।"
इसके अलावा, जम्मू और कटड़ा के बीच स्थानीय लोगों और फंसे हुए यात्रियों की आवाजाही के लिए शुरू की गई लोकल ट्रेन सेवाएं भी स्थगित हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएं, रोपवे और होटल बुकिंग्स रद्द कर दी गई हैं, और श्राइन बोर्ड ने सभी बुकिंग्स पर 100% रिफंड की घोषणा की है। रिफंड के लिए तीर्थयात्री refund@maavaishnodevi.net पर संपर्क कर सकते हैं।
माता वैष्णो देवी मंदिर का महत्व
माता वैष्णो देवी का मंदिर भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। त्रिकुटा पहाड़ियों में बसा यह मंदिर कटड़ा से 12 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई के बाद पहुंचा जा सकता है। इस यात्रा का निलंबन न केवल तीर्थयात्रियों के लिए, बल्कि कटड़ा के स्थानीय व्यवसायों, जैसे होटल, पालकी और पशु सेवाओं के लिए भी बड़ा झटका है।
भविष्य की उम्मीद
अधिकारी और श्राइन बोर्ड यात्रा मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। मौसम में सुधार और मरम्मत कार्यों की प्रगति को देखते हुए उम्मीद है कि जल्द ही यात्रा फिर से शुरू हो सकती है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
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