Header Ads

ad728
  • Latest Stories

    पंजाब-राजस्थान में बाढ़ का कहर, दिल्ली-यूपी में भारी बारिश का अलर्ट; हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन की आशंका


    पंजाब-राजस्थान में बाढ़ का कहर, दिल्ली-यूपी में भारी बारिश का अलर्ट; हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन की आशंका


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »

    रिपोर्टर: प्रियंका जायसवाल 


    नई दिल्ली, 7 सितंबर 2025: भारी बारिश और बाढ़ ने उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में त्राहि-त्राहि मचा दी है। मौसम विभाग (IMD) के अलर्ट सटीक साबित हो रहे हैं, जिसके तहत पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे राज्यों में प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है।


    पंजाब में बाढ़ का प्रकोप

    पंजाब में सतलुज, ब्यास, और रावी नदियों के उफान के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। लुधियाना में सतलुज नदी का पानी तटबंध तोड़कर खेतों और गांवों में घुस गया है, जिससे जिले के 12 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने भाखड़ा बांध के फ्लड गेट्स को 10 फीट से घटाकर 7 फीट कर दिया है, लेकिन सतलुज में छोड़ा गया पानी अब भी खतरा बना हुआ है। जिला प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जिसमें गुरदासपुर, अमृतसर, और तरनतारन के हवाई सर्वेक्षण की संभावना है।



    ये भी पढ़े-माता वैष्णो देवी यात्रा 11वें दिन भी स्थगित, भूस्खलन के बाद मां का दरबार सूना



    राजस्थान में भारी बारिश से तबाही

    राजस्थान में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजसमंद-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-162) का आधा किलोमीटर हिस्सा पानी के बहाव में बह गया, जिससे यातायात ठप हो गया है। जयपुर-केकड़ी राजमार्ग पिछले चार दिनों से बंद है। जयपुर में एक जर्जर चार मंजिला इमारत के ढहने से पिता-पुत्री की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हुए। कोटा में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की जान चली गई। मौसम विभाग ने बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, और उदयपुर में बाढ़ का पानी बढ़ने की चेतावनी दी है।


    दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन चुनौतियां बरकरार

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर से नीचे आ गया है, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से अभी भी ऊपर है। रविवार सुबह तक इसमें और कमी की उम्मीद है। हालांकि, 20,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जहां साफ-सफाई, पेयजल, भोजन, और दवाओं की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। दिल्ली-एनसीआर में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या ने हालात को और जटिल कर दिया है।


    ये भी पढ़े- Nepal Population: हमारे पड़ोसी देश नेपाल की हालत चीन और जापान जैसी है, क्या भारत भी प्रभावित होगा?


    हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन का खतरा

    हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद मौसम में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। उत्तराखंड के नैनीताल और चंपावत जैसे जिलों में भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। उत्तरकाशी में बादल फटने से नौगांव बाजार में अफरातफरी मच गई और एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। हिमाचल के कुल्लू में इनर अखाड़ा बाजार में मलबे से चार और शव बरामद हुए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ गई है। हिमाचल में 1,292 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी, कुल्लू, और शिमला सबसे अधिक प्रभावित हैं।


    हरियाणा में फसलों का नुकसान

    हरियाणा में लगातार बारिश और जलभराव से 10 लाख एकड़ फसलें डूब गई हैं। 1.7 लाख किसानों ने ई-क्षति पोर्टल पर मुआवजे के लिए आवेदन किया है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, हालांकि टांगरी और घग्गर नदियों में पानी कम हुआ है।


    मौसम विभाग का अलर्ट

    मौसम विभाग ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान के कई जिलों में 7-8 सितंबर के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल और उत्तराखंड में कुछ क्षेत्रों में राहत की उम्मीद है, लेकिन भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बिहार में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि पंजाब और हरियाणा में स्थिति गंभीर बनी हुई है।


    ये भी पढ़े-देशभर में बाढ़ का संकट: पंजाब में 43 लोगों की मौत, दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर, पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी


    राहत और बचाव कार्य

    राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना, और स्थानीय प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। पंजाब में गुरदासपुर, फाजिल्का, और होशियारपुर जैसे जिलों में राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। दिल्ली में यमुना बाजार जैसे इलाकों में NDRF की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।



    उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ ने आम जनजीवन को ठप कर दिया है। जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ रही है, जिससे ऐसी प्राकृतिक आपदाएं और खतरनाक हो रही हैं। सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में लगे हैं, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने में अभी समय लग सकता है।

    आपकी राय:क्या आपको लगता है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है? अपनी राय कमेंट में साझा करें!


    कोई टिप्पणी नहीं

    कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728