दीपावली पर दिल्ली का AQI 'रेड जोन' में, आनंद विहार और वजीरपुर सबसे प्रदूषित; 34 निगरानी स्टेशन 'लाल घेरे' में
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2025
दीपावली के पावन पर्व पर दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सोमवार शाम 4 बजे तक 'बहुत खराब' श्रेणी में 345 पर पहुंच गया, जो रविवार के 326 से काफी अधिक है। 38 निगरानी स्टेशनों में से 34 'रेड जोन' (बहुत खराब से गंभीर) में आ गए हैं, जबकि चार स्टेशन 'गंभीर' श्रेणी (AQI 400+) में दर्ज किए गए। आनंद विहार (404) और वजीरपुर (423) सबसे प्रदूषित इलाके रहे, जहां पटाखों के धुएं और वाहनों के उत्सर्जन ने हवा को दमघोंटू बना दिया।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-II को लागू कर दिया है, जिसमें निर्माण कार्यों पर रोक, पुराने वाहनों पर पाबंदी और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि रात की आतिशबाजी से स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे मंगलवार सुबह AQI 400 के पार जा सकता है।
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सबसे प्रदूषित इलाके: आनंद विहार और वजीरपुर का बुरा हाल
CPCB के SAMEER ऐप के अनुसार, सोमवार को चार स्टेशन 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचे:
द्वारका (417): दक्षिण-पश्चिम दिल्ली का यह इलाका सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां PM2.5 का स्तर खतरनाक सीमा से दोगुना ऊपर था।
वजीरपुर (423): उत्तर-पश्चिम दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र में वाहनों और फैक्ट्रियों के धुएं ने प्रदूषण को चरम पर पहुंचाया।
आनंद विहार (404): पूर्वी दिल्ली का यह ट्रांसपोर्ट हब सुबह से ही 400+ AQI पर रहा, जहां यात्रियों को सांस लेने में भारी तकलीफ हुई।
अशोक विहार (404): उत्तर दिल्ली में रिहायशी इलाके में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई कि बच्चों और बुजुर्गों को घरों में रहने की सलाह दी गई।
अन्य प्रमुख स्टेशन जैसे विवेक विहार (351), आरके पुरम (323), जहांगीरपुरी (314) और बवाना (303) भी 'बहुत खराब' श्रेणी में रहे। एनसीआर में नोएडा (341), गाजियाबाद (348) और गुरुग्राम (283) की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है।
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पटाखों का अत्यधिक उपयोग मुख्य कारण
दीपावली पर 'ग्रीन पटाखों' की अपील के बावजूद कई इलाकों में पारंपरिक पटाखों का इस्तेमाल हुआ, जिससे PM2.5 और PM10 का स्तर तेजी से बढ़ा। दिल्ली सरकार ने समय सीमा (सुबह 8 से 10 बजे और शाम 6 से 8 बजे) तय की थी, लेकिन उल्लंघन की शिकायतें दर्ज हुईं। इसके अलावा, वाहनों का उत्सर्जन (कुल प्रदूषण का 17%), पराली जलाना और मौसमी कारक (ठंडी हवाएं) ने हवा को जहर घोल दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए घातक है—सांस की बीमारियां, अस्थमा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ गया है।
सरकार के कदम: GRAP-II और स्वास्थ्य सलाह
GRAP-II उपाय: निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, डीजल जनरेटर पर रोक, 10 साल से पुराने वाहनों पर प्रवेश प्रतिबंध।
स्वास्थ्य विभाग की अपील: मास्क पहनें, बाहर कम निकलें, बच्चों और बुजुर्गों को घर में रखें। अस्पतालों में प्रदूषण से जुड़ी OPD बढ़ा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: "दिवाली का आनंद लें, लेकिन पर्यावरण का सम्मान करें। ग्रीन पटाखों का उपयोग करें।"
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में हवा की गति कम रहने से प्रदूषण और फैलेगा। CPCB लगातार निगरानी कर रहा है और यदि AQI 400+ बने रहता है तो स्टेज-III लागू हो सकता है।
AQI श्रेणियां: एक नजर
दिल्लीवासियों से अपील है कि दीपावली के बाद भी प्रदूषण कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें और वृक्षारोपण को बढ़ावा दें। यह न केवल स्वास्थ्य, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जरूरी है।
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