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    'मैं खुद सुरक्षित नहीं हूं...', कनाडा में भारतीयों की सुरक्षा पर उच्चायुक्त की चिंता

    'मैं खुद सुरक्षित नहीं हूं...', कनाडा में भारतीयों की सुरक्षा पर उच्चायुक्त की चिंता


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » नई दिल्ली/ओटावा, 20 अक्टूबर 2025

    कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत के नव नियुक्त उच्चायुक्त दिनेश के. पटनायक ने गंभीर चिंता जताई है। खालिस्तानी चरमपंथियों से मिल रही धमकियों के बीच उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। पटनायक ने खुद की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "मैं खुद सुरक्षित नहीं हूं... ऐसे देश में उच्चायुक्त को सुरक्षा की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए।"


    यह बयान कनाडा के सीटीवी न्यूज को दिए विशेष इंटरव्यू में आया है, जहां पटनायक ने भारत-कनाडा संबंधों में खालिस्तान मुद्दे को कनाडा की आंतरिक समस्या बताया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय राजनयिकों पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये बिना सबूत के हैं।



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    भारतीयों की असुरक्षा: उच्चायुक्त का दावा

    उच्चायुक्त पटनायक ने कहा, "कनाडा में भारतीय नागरिक अब सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। कुछ लोग ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो संबंधों को बंधक बना रही है।" उन्होंने खालिस्तानी समूहों का जिक्र किए बिना कहा, "कुछ लोग आतंक मचा रहे हैं, जो कानून-व्यवस्था की समस्या है। कनाडा इसे भारत की समस्या के रूप में नहीं देख सकता, यह कनाडा की समस्या है। कुछ कनाडाई ही इस समस्या को जन्म दे रहे हैं।"


    पटनायक ने हाल के द्विपक्षीय चर्चाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बातचीत में कनाडा में भारतीयों की सुरक्षा के साथ-साथ भारत में कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा भी शामिल है। उन्होंने कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सराहना की, जिन्होंने संबंधों को सामान्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। "हमें संवाद की जरूरत थी, न कि बिना सबूत के आरोपों की," उन्होंने कहा।


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    कनाडा से भारतीयों की जबरन वापसी बढ़ी

    पिछले कुछ वर्षों में कनाडा से भारतीय नागरिकों की जबरन वापसी के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। कनाडाई बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (सीबीएसए) के अनुसार, 2024 में 1,997 भारतीयों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, जो 2019 के 625 से कई गुना अधिक है। 2025 के जुलाई तक ही 1,891 भारतीयों को वापस भेजा गया है, जो दर्शाता है कि इस साल का आंकड़ा पिछले साल को पार कर सकता है। उच्चायुक्त ने इन आंकड़ों को चिंताजनक बताते हुए कनाडा सरकार से भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।



    कनाडा सरकार का रुख

    इधर, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा पर सवालों से पल्ला झाड़ते हुए कहा, "हम कनाडाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर प्रयास करेंगे। साथ ही, द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास का माहौल बनाना हमारा लक्ष्य है।" उन्होंने राजनयिकों की वापसी से सुरक्षा खतरे के सवाल पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।


    विदेश मंत्री अनीता आनंद ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सहयोग पर चर्चा की। सिख महासंघ ने भी भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं।


    भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़

    2023 में हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के बाद ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों से दोनों देशों के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए राजनयिकों को वापस बुला लिया था। लेकिन अगस्त 2025 में पटनायक और कनाडा के क्रिस्टोफर कूटर को उच्चायुक्त नियुक्त कर संबंध सामान्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया।

    पटनायक ने कहा कि दूतावासों के पुनः खुलने और संवाद से नया अध्याय शुरू हो चुका है। हालांकि, खालिस्तानी चरमपंथ की समस्या बनी हुई है, जिस पर दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने हाल ही में दिल्ली में चर्चा की। भारत ने कई खालिस्तानी कार्यकर्ताओं के प्रत्यर्पण की मांग भी उठाई है।

    यह मुद्दा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि कनाडा में रहने वाले लाखों भारतीयों की सुरक्षा को भी चुनौती दे रहा है। उच्चायुक्त की अपील के बाद अब कनाडा सरकार पर दबाव बढ़ गया है।



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