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    नारनौल में भयावह सड़क हादसा: 22 साल के अभिषेक का शव 11 KM तक घसीटा गया

    नारनौल में भयावह सड़क हादसा: 22 साल के अभिषेक का शव 11 KM तक घसीटा गया


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » 

    संवाददाता,विवेक श्रीवास्तव 

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 03:31 PM (IST)

    नारनौल (महेंद्रगढ़)। हरियाणा के नारनौल में एक ऐसी घटना घटी कि सुनकर रूह कांप उठती है। एक नौजवान की जिंदगी महज पलभर में खत्म हो गई, और उसका शव इतनी बेरहमी से घसीटा गया कि सड़क पर खून के धब्बे ही उसके आने का सबूत बने रहे। महेंद्रगढ़ जिले के गांव चितलांग का 22 साल का अभिषेक, जो नारनौल की एक पेंट फैक्ट्री में मेहनत-मजदूरी कर परिवार का सहारा था, बुधवार देर रात घर लौटते वक्त हादसे का शिकार हो गया। हादसा इतना दिल दहला देने वाला था कि उसका शव दुर्घटना स्थल से 11 किलोमीटर दूर मंढाणा गांव के पास सड़क किनारे मिला – एक लाल रंग के ट्रक में उलझा हुआ।


    क्या हुआ वो काला पल?

    बुधवार रात करीब 10 बजे अभिषेक अपने चचेरे भाई प्रमोद के साथ बाइक पर गांव चितलांग लौट रहा था। लहरोदा गांव के पास अचानक बाइक डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में प्रमोद उछलकर दूसरी तरफ गिर पड़ा, लेकिन अभिषेक सड़क पर लुढ़क गया। आसपास के ग्रामीणों ने घायल प्रमोद को तुरंत नागरिक अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के बाद वह होश में आ गया। लेकिन अभिषेक का क्या? वो अज्ञात ट्रक के नीचे आ गया। चालक ने न तो गाड़ी रोकी, न मदद की – बस तेजी से भागा, और अभिषेक का शव उसके साथ ही नेशनल हाईवे पर 11 किमी तक घसीटता चला गया।




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    बृहस्पतिवार सुबह मंढाणा गांव के पास सड़क पर हेलमेट पहने एक युवक का क्षत-विक्षत शव देखकर इलाके में सनसनी फैल गई। लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन मंजर इतना भयानक था कि कईयों की आंखें नम हो गईं। सूचना पर सदर थाना पुलिस पहुंची, शव को कब्जे में लिया। सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ कि लाल ट्रक ही इसका जिम्मेदार था।


    पुलिस की कार्रवाई: चालक फरार, तलाश तेज

    सदर थाना प्रभारी सतबीर ने बताया, "शव की शिनाख्त अभिषेक के रूप में हुई है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अब हम उस लापरवाह ट्रक चालक की तलाश में जुटे हैं, जो हिट-एंड-रन का दोषी है। सीसीटीवी और अन्य सुरागों से जल्द गिरफ्तारी होगी।" परिवार वाले सदमे में हैं – अभिषेक इकलौता कमाने वाला था। प्रमोद ने बताया, "भाई ने कुछ गलत नहीं किया, फिर भी ये सजा... ट्रक वाला तो रुका क्यों नहीं?"


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    सड़क सुरक्षा पर सवाल: कब सुधरेंगे हालात?

    नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार और लापरवाही से हर साल सैकड़ों जिंदगियां छिन रही हैं। अभिषेक जैसे नौजवान, जो सपनों से भरे होते हैं, ऐसे ही चले जाते हैं। क्या हम इंतजार करेंगे अगले हादसे का? हेलमेट, स्पीड लिमिट और जागरूकता ही बचा सकती है।


    "एक पल की लापरवाही, जिंदगी भर का गम। सड़क पर सबके लिए जगह है, लेकिन जिंदगी सिर्फ एक।" – एक ग्रामीण की गुजारिश


    परिवार को सांत्वना दें, और चालक को सजा दिलाएं। क्या कहते हैं आप?


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