बिहटा: सादिसोपुर गांधी मैदान पर धूमधाम से हुआ रावण दहन, बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव; भारी भीड़ उमड़ी
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » संवाददाता,कलीम
पटना :- बिहटा प्रखंड के सादिसोपुर पंचायत स्थित मिडिल स्कूल गांधी मैदान में विजयदशमी के पावन अवसर पर रावण दहन का भव्य आयोजन किया गया। हर वर्ष की तरह इस बार भी बुराई पर अच्छाई की प्रतीकात्मक जीत का यह उत्सव स्थानीय लोगों के बीच जबरदस्त उत्साह के साथ मनाया गया। भारी संख्या में ग्रामीणों ने मैदान में डेरा डाला, और जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा इलाका गूंज उठा। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामुदायिक एकता का भी प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम की शुरुआत रामलीला के माध्यम से हुई, जिसमें राम, लक्ष्मण और हनुमान के वेश में कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति दी। शाम करीब 6:30 बजे प्रदोष काल में, भगवान राम के प्रतीकात्मक तीर के साथ रावण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों को आग लगाई गई। धू-धू जलते पुतलों को देखकर उपस्थित जनसमूह ने तालियों और नारों से स्वागत किया। यह दृश्य न केवल आंखों को भाता रहा, बल्कि हर किसी को रामायण के संदेश—अधर्म का अंत और धर्म की विजय—की याद दिला गया।
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प्रमुख अतिथियों की मौजूदगी ने बढ़ाया आयोजन का सम्मान
आयोजन में स्थानीय प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही। दानापुर एसडीएम दिव्य शक्ति और दानापुर डीएसपी अमरेंद्र कुमार झा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सादिसोपुर पंचायत की मुखिया दीक्षा प्रियदर्शी ने मुख्य भूमिका निभाई, जबकि समाजसेवी कवि कुशवाहा ने काव्य पाठ से माहौल को और उत्साही बनाया। गुनवा पंचायत के मुखिया अनिल जी, नगर पंचायत विक्रम के मुखिया अजीत कुमार, मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक सतीश सर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम समिति के पदाधिकारियों में अध्यक्ष शंकर वर्मा, सचिव संजय कुमार पांडे, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, संयोजक धर्मेंद्र यादव और पंचायत समिति सदस्य नीलम देवी ने कुशल संचालन किया। समाजसेवी गोविंद कुमार ने भी अपनी उपस्थिति से आयोजन को मजबूती प्रदान की। एसडीएम दिव्य शक्ति ने अपने संबोधन में कहा, "यह उत्सव हमें सिखाता है कि सत्य और अहिंसा ही अंतिम विजेता होते हैं। स्थानीय स्तर पर ऐसे आयोजन सामाजिक सद्भाव को मजबूत करते हैं।"
सुरक्षा और व्यवस्था बनी रही चाक-चौबंद
विजयदशमी के मुहूर्त के अनुसार, रावण दहन प्रदोष काल (शाम 6:05 बजे से रात 8:30 बजे तक) में किया गया, जो शास्त्रानुसार पूर्णतः शुभ रहा। डीएसपी अमरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पुलिस बल ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, जिससे कोई अप्रिय घटना न घट सके। चश्मदीदों के अनुसार, करीब 2,000 से अधिक लोग मैदान पर जुटे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी खासी संख्या में थे। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "यह आयोजन हमारे गांव की परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। रावण दहन देखकर बच्चों में रामायण की कहानियां जीवंत हो जाती हैं।"
यह आयोजन बिहटा क्षेत्र में दशहरा की धूम को दर्शाता है, जहां ग्रामीण स्तर पर भी रामलीला और रावण दहन जैसी परंपराएं जीवित हैं। देशभर में आज ही प्रदोष काल में रावण दहन हो रहा है, जो अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देता है।
कल्पना कीजिए, गांधी मैदान पर सूर्यास्त के बाद जलते पुतले की लपटें, चारों ओर जय श्रीराम के स्वर, और परिवारों के चेहरे पर विजय का उल्लास। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि उन साधारण लोगों की कहानी है जो साल भर की मेहनत के बाद एकजुट होकर अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ते हैं। मुखिया दीक्षा प्रियदर्शी जैसी महिला नेताओं की मौजूदगी महिलाओं को सशक्तिकरण का संदेश देती है। ऐसे आयोजन हमें याद दिलाते हैं कि त्योहार सिर्फ जलजलेबी-फिरनी नहीं, बल्कि नैतिकता और एकता का पाठ भी हैं। आशा है, यह उत्साह आने वाले दिनों में सामाजिक सद्भाव को और मजबूत करेगा।
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