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    ट्रंप का चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ: व्यापार युद्ध का नया दौर शुरू? चीन ने लगाया 'दोहरे मापदंड' का आरोप


    ट्रंप का चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ: व्यापार युद्ध का नया दौर शुरू? चीन ने लगाया 'दोहरे मापदंड' का आरोप


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क »वी न्यूज 24,  

    रिपोर्ट:-कजल कुमारी 

    फटाफट पढ़े-अमेरिका और चीन—एक बार फिर व्यापार की रस्साकशी में उलझ गई हैं, जहां एक तरफ टैरिफ की दीवारें खड़ी हो रही हैं, तो दूसरी तरफ आपूर्ति श्रृंखलाएं हिल रही हैं। 10 अक्टूबर को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि 1 नवंबर से चीन के सभी आयात पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा, साथ ही महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण। यह जवाब चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स (जैसे चिप्स और बैटरी के लिए जरूरी) के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ है। चीन ने पलटवार में कहा, "यह 'दोहरे मापदंड' का क्लासिक उदाहरण है।" हर टैरिफ की धमकी वार्ता को जहर घोल रही है, लेकिन इसके पीछे उन लाखों फैक्टरियों, किसानों और उपभोक्ताओं की कहानी है जो इस जंग में फंस जाते हैं—महंगाई बढ़ेगी, नौकरियां खतरे में, और वैश्विक अर्थव्यवस्था लड़खड़ा सकती है। यह सिर्फ आंकड़ों की लड़ाई नहीं, बल्कि उन सपनों की टक्कर है जो अमेरिका और चीन के लोग जी रहे हैं। 



    प्रकाशित: 12 अक्टूबर 2025


    नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध का नया दौर शुरू होने की आशंका पैदा हो गई है। ट्रंप की इस चेतावनी के बाद चीन ने अमेरिका पर 'दोहरे मापदंड' अपनाने का तीखा आरोप लगाते हुए कहा है कि यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक वार्ता के माहौल को गंभीर रूप से कमजोर कर रहा है। नीचे हम इस घटना का संक्षिप्त AI-जनित सारांश (ह्यूमन टच के साथ) और गहन भू-आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।



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    भू-आर्थिक विश्लेषण

    ट्रंप की घोषणा ने वैश्विक बाजारों में हड़कंप मचा दिया। 10 अक्टूबर को ही S&P 500 इंडेक्स 2.7% गिर गया, जो अप्रैल के बाद का सबसे बड़ा एकदिवसीय नुकसान था। यह कदम मई 2025 में शुरू हुए नाजुक ट्रेड ट्रूस को तोड़ने वाला है, जब दोनों देशों ने टैरिफ को 30% (अमेरिका) और 10% (चीन) तक कम किया था। लेकिन चीन के रेयर अर्थ्स पर नए प्रतिबंध (9 अक्टूबर को घोषित, जिसमें पांच और तत्वों पर कंट्रोल) ने ट्रंप को भड़का दिया, जिन्हें उन्होंने "दुष्ट और शत्रुतापूर्ण" बताया।


    ट्रंप की रणनीति:


    प्रभाव: 1 नवंबर से लागू होने वाले 100% टैरिफ मौजूदा 40% पर अतिरिक्त होंगे, यानी कुल 140% तक। साथ ही, "सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर" पर निर्यात नियंत्रण से तकनीकी क्षेत्र प्रभावित होगा। ट्रंप ने कहा, "चीन दुनिया को बंधक बनाने की कोशिश कर रहा है।" यह कदम दक्षिण कोरिया में 31 अक्टूबर को होने वाले APEC शिखर सम्मेलन से ठीक पहले आया, जहां ट्रंप-शी जिनपिंग की बैठक रद्द होने की आशंका है।

    अमेरिकी लाभ: रेयर अर्थ्स (जिनका 80% उत्पादन चीन करता है) पर निर्भरता कम करने का प्रयास, लेकिन अमेरिकी कंपनियां (जैसे क्वालकॉम, जिस पर चीन ने एंटी-मोनोपॉली जांच शुरू की) पहले ही परेशान।



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    चीन का पलटवार:

    वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने 12 अक्टूबर को बयान जारी कर कहा, "ट्रंप का बयान 'दोहरे मापदंड' का स्पष्ट उदाहरण है। हर कदम पर टैरिफ की धमकी चीन के साथ बातचीत का सही तरीका नहीं।" चीन ने अपने हितों की रक्षा के लिए "उपयुक्त कदम" उठाने की चेतावनी दी। यह आरोप सितंबर से अमेरिका के लगातार आर्थिक दबाव (रूसी तेल खरीद पर टैरिफ की धमकी) के संदर्भ में है।


    वैश्विक प्रभाव:


    भारत के लिए: भारत, जो रेयर अर्थ्स का आयातक है, को फायदा—अमेरिका के दबाव से वैकल्पिक स्रोत ढूंढने का मौका। लेकिन निर्यात (फार्मा, टेक्सटाइल) पर असर पड़ेगा अगर चेन रिएक्शन हो।

    जोखिम: महंगाई बढ़ेगी, सप्लाई चेन बाधित, और 2025 की वैश्विक GDP ग्रोथ 0.5-1% गिर सकती है। ट्रंप ने कहा, "यह दर्दनाक होगा, लेकिन जरूरी।"


    यह जंग सिर्फ दो देशों की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला सकती है। क्या ट्रंप-शी की बैठक बचेगी, या ट्रेड वॉर पूर्ण रूप से भड़केगा?

    आप क्या सोचते हैं—क्या यह टैरिफ चीन को झुकाएंगे, या वैश्विक मंदी लाएंगे? कमेंट्स में अपनी राय साझा करें! 

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